राजाराम लालावत
टोंक। स्मार्ट हलचल/किसान महा पंचायत द्वारा टोंक जिले के किसानों की मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन किया जा रहा है जिसमे बिसलपुर विस्थापितों एवं ईसरदा बांध डूब क्षेत्र के किसानों को नियमानुसार मुआवजा एवं खामियां रखते हुये किया गया। जिसको लेकर 25 जनवरी को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में सहमति युक्त बिन्दुओ पर कोई सार्थक कार्यवाही नही होने के कारण किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने 9 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास घेराव की जानकारी भेज दी गई थी। उसके उपरांत भी 9 दिवस बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नजर नही राही है। इसी कारण किसानों को मजबूर हो कर यह आंदोलन करना पड़ रहा है।बिसलपुर पुनर्वास द्वारा सर्वे रिपोर्ट बनेठा चौकड़ी का अध्ययन करने पर विसंगतियां भरी जानकारी सामने आई जिसमे प्रत्येक परिवार का सर्वे नही पाया गया। कुछ किसानों को ही परिसम्पत्तिया मिली। तथा जिन परिसम्पत्तियों का मुआवजा दिया जा रहा है वो भी वर्ष 2014 के अनुसार खेत मे कुआ व बोरवेल होने के बाद भी जमीन असिंचित मानी गई। कई किसानों के खेतों में कुआ भी दर्ज नही है एवं पाइप लाईन के मुआवजा का अंकन ही नही है। किसानों का आरोप है की मकानों के सर्वे में ढाणियों को जोड़ा ही नही गया ओर सरकार द्वारा हाईटेक कार्य की बात कही जा रही है तो भी सम्पूर्ण सर्वे त्रुटि पूर्ण रहा है। किसानों की मांग है भूमि अर्जन, पुनर्वास ओर पूर्णव्यवस्थापन एवं उचित प्रतिकर ओर पारदर्शिता अधिनियम 2013 के अनुसार मुआवजा एवं परिसम्पत्तियों का सर्वे वर्तमान समय के आधार पर करे। वयस्क सदस्यों की गणना में परिवार के सदस्यों को जोड़ने तथा रहने के लिये 5 सौ वर्ग मीटर जमीन दे ताकि पशुपालन कर सक। असिंचित जमीन के स्थान पर सिंचित करे। शहर की तरह 100,200,500 मीटर के अनुसार मुआवजा गणना की जाये।बिसलपुर विस्थापित परिवारों को बिसलपुर गांव में विस्थापित किया जाये। जो किसानों की उक्त मांगे पुरी नही होने पर टोंक जिले के ईसरदा बांध डूब क्षेत्र व बिसलपुर के किसान 21 फरवरी को ट्रैक्टरो से जयपुर कूच कर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।