Homeराजस्थानकोटा-बूंदीश्री मज्जिनेन्द्र 1008 अरिष्ट नेमिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आगाज

श्री मज्जिनेन्द्र 1008 अरिष्ट नेमिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आगाज

कोटा, स्मार्ट हलचल/रिद्धि सिद्धि नगर के कुन्हाड़ी क्षेत्र में स्थित श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में आध्यात्मिक विशुद्ध ज्ञान वर्षायोग समिति,कोटा द्वारा आयोजित श्री मज्जिनेन्द्र 1008 अरिष्ट नेमिनाथ भगवान के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन शनिवार से प्रारंभ किया गया। श्रुत संवेगी मुनि श्री आदित्य सागर जी ससंघ के सान्निध्य में विधिवत पूजन-अर्चन एवं धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए गए।
पहले दिन की कार्यक्रम रूपरेखा: महोत्सव का शुभारंभ पर को गर्भ कल्याणक (पूर्वार्द्ध) से हुआ। प्रातः 7:00 बजे श्री जिन आज्ञा, गुरु आज्ञा एवं घटयात्रा के आयोजन के साथ इस पावन पर्व की शुरुआत की गई। प्रातः 8:30 बजे ध्वजारोहण और शौर्यपुर नगरी का उद्घाटन किया गया। इसके बाद, मण्डप वेदी शुद्धि, श्रीजी का अभिषेक, मंगलाचरण, चित्र अनावरण और दीप प्रज्ज्वलन जैसे धार्मिक अनुष्ठान प्रतिष्ठाचार्य बा.ब्र.पीयूष सतना द्वारा संपन्न करवाए गए। कार्यक्रम में ध्वजारोहणकर्ता मनोज—नेहा,आशीष—रोजी एवं समस्त जैसवाल परिवार रहा तथा पाण्डाल उद्घाटनकर्ता कमलादेवी,राजेन्द्र—अंजली,विनोद—इंद्रा सहित सोनी परिवार सीसवाली वाले रहे।

घट स्थापना का भव्य आयोजन
मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा ने बताया कि घटस्थापना का दृश्य विहंगम था। एरावत हाथी उसके पीछे 26 बग्गियां,,कर्नाटक का चिंदे बैण्ड व उदयपुर का सेमारी बैण्ड व अन्य दिव्यघोष के साथ चंद्रप्रभु दि.जैन मंदिर से भव्य घटयात्रा प्रांरभ हुई। सफेद कुर्ते पजामें पुरूष व केसरिया रंग की साडी में महिलाएं नाचती गाती महावीर व गुरू के जयकारे लगाते हुए कार्यक्रम स्थल की ओर बढ रहे थे। घट यात्रा में श्री जी भी साथ थे। इस अवसर पर सकल समाज के सरंक्षक राजमल पाटोदी, अध्यक्ष विमल जैन नांता,कार्याध्यक्ष जे के जैन,प्रकाश बज,मंत्री विनोद जैन टोरणी,चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम चंद पाटनी, मंत्री पारस बज आदित्य, कोषाध्यक्ष निर्मल अजमेरा, ऋद्धि-सिद्धि जैन मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा, सचिव पंकज खटोड़, कोषाध्यक्ष ताराचंद बडला, संजय सांवला, पारस कासलीवाल, पारस लुहाड़िया, अंकित जैन आर केपुरम, महेंद्र बगड़ा,जिनेन्द्र जज साहब, श्री चन्द्र प्रभ दिगंबर जैन मंदिर समिति के लोग उपस्थित रहे।

ध्वजारोहण और मण्डप का उद्घाटन किया गया।
उसके बाद सभी इंद्र इंद्राणियों का शुद्धिकरण हुआ और विधान द्वारा सभी देवों को आगमन के लिए प्रार्थना की गई। पहले दिन का पंचकल्याणक सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। शाम को 7 बजे महाआरती की गई। रात 8 बजे सौधर्म इन्द्र का दरबार लगा, जिसमें सभी इंद्र और इंद्राणीयों ने भाग लिया। साथ ही भगवान की गर्भ कल्याणक कार्यक्रम का मंचन किया गया।

मुनि श्री आदित्य सागर के मंगल आशीर्वचन दोपहर 12:30 बजे प्राप्त हुए, जिसके बाद अंगन्यास, सकलीकरण, इन्द्र प्रतिष्ठा, मंडल प्रतिष्ठा, जाप्यानुष्ठान, अंकुरारोपण और याग मंडल विधान अर्चना की गई। सांय 3:30 बजे मुनि के मंगल प्रवचन हुए, जिसमें श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और मुनि श्री के उपदेशों से आत्मिक लाभ लिया और इंसान की विभिन्न भूमिका पर विचार व्यक्ति किया और बताया कि मुनि आदित्य सागर जी ने कहा कि जीवन एक मंच है, जहां प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भूमिका को पूर्ण समर्पण और ईमानदारी से निभाना चाहिए। उन्होंने समझाया कि चाहे वह पारिवारिक जीवन हो, सामाजिक उत्तरदायित्व या आध्यात्मिक साधना, हर क्षेत्र में अपनी भूमिका को समझना और उसे निभाना हमारे जीवन को सफल बनाता है। उन्होने कहा कि जीवन में जब कोई भूमिका निभाते है तो दबाव आता है,इस दबाव में कुछ निखर जाते है व निकल जाते है उन्होने जो दबाव से घबराते नहीं है उन्हे सफलता मिलती है।

रात्रि कार्यक्रम की झलक: रात्रि 7:00 बजे श्री जी की आरती के साथ शास्त्र सभा, सुधर्मसभा और तत्त्वचर्चा का आयोजन किया गया। इसके बाद, शौर्यपुर नगरी में कुबेर द्वारा रत्नवृष्टि और माता की सेवा के साथ स्वप्न दर्शन के कार्यक्रम संपन्न हुए। इस दौरान भक्तों ने भक्ति भाव से इन अनुष्ठानों में भाग लिया और धार्मिक वातावरण में डूबकर आत्मिक शांति का अनुभव किया।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES