लुकमान शाह
थांवला।स्मार्ट हलचल/भेरूंदा में बुधवार को हजरत पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मोहर्रम का मातमी पर्व मुस्लिम भाइयों ने पूर्ण अकीदत के साथ मनाया। अकीदतमंदों ने ताजिये का जुलूस निकाला। मोहम्मदी रंग में रंगे मुस्लिम भाइयों ने या अली या हुसैन के नारे लगाकर व ढोल-ताशों की गूंज पर कर्बला की जंग को ताजा कर दिया। इस अवसर हिंदू व मुस्लिम समाज के लोगों ने शिरकत कर कौमी एकता व आपसी भाईचारे का संदेश दिया। मोहर्रम कमेटी के नेतृत्व में बड़ी मस्जिद से मोहर्रम का जुलूस शुरू हुआ। लोगों ने ताजियों पर फूलों के सेहरे बांध दुआएं मांगी। ताजियों के सदर बाजार में पहुंचने पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। यहां पर हिंदू-मुस्लिम भाइयों ने ताजियों पर शिरनी चढ़ाकर आपसी भाईचारे व अपनों चैन की दुआएं मांगी। पुलिस की ओर किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. जगह- जगह शरबत में ठंडा पानी की व्यवस्था भी की गई. ताजियों को देखने के लिए शहर भर से विभिन्न समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़ी. ताजियों को मातमी धुन के साथ कर्बला में सुपुर्दे खाक किया गया. गौरतलब है कि कर्बला की जंग और हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है. इसी दिन हजरत इमाम हुसैन ने अपनी जान कुर्बान की थी. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग ताजिए निकालते हैं.