भीलवाड़ा 23 जनवरी । अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन जूलॉजी ,बायोटेक्नोलॉजी फ़ार्मेसी ,बॉटनी और बायो टेक्नोलॉजी के विषय के दो सत्रों में विद्वान अतिथियों ने रिसेप्शन तक ट्रेनिंग एंड इनोवेशन इन अप्लाइड साइंस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट ऑफ़ एनवायरमेंट विषय पर शोध परक उद्बोधन दिया तथा इसी संदर्भ में शोधार्थियों ने अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए । संयोजिका प्रोफ़ेसर प्रीति मेहता ने बताया कि ,प्रथम सत्र में सेशन चेयर डॉक्टर दीपाली लाल ,रिटायर प्रोफ़ेसर एस.डी.कॉलेज ब्यावर रही।अन्य सेशन चेयर के तौर में मुख्य वक्ता जो की ऑनलाइन जुड़े थे सू दत्ता लाम ,बनसन यूनिवर्सिटी मिलिशिया से जुड़े थे। दूसरे मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर अनिल कुमार त्रिपाठी ,माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय से रहे। उनके साथ में सहयोगी के तौर पर डॉक्टर विजय कुमार कोली ,मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से तथा टीकम चंद डाकोल थे, इस सत्र में लगभग 17 विद्यार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए ।साथ ही इसी सत्र में बॉटनी और बायोटेक्निक सत्र का संचालन डॉक्टर शादाब हुसैन तथा डॉक्टर सीमा काबरा ने किया। सत्र में प्रोफ़ेसर एस.डी.पुरोहित का अध्यक्षीय उद्बोधन हुआ तत्पश्चात प्रोफ़ेसर पी.एम.जैन महाराणा प्रताप एग्रीकल्चर विभाग ने अपनी बात रखी। इस शेषन में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर प्रवीण राठौड़ ,बी.एन .कॉलेज उदयपुर की गरिमामय उपस्थिति रही। डॉक्टर अरूण चौधरी ने अपनी बात रखी ,प्रोफ़ेसर फतेन ज़ेड फ़िल्मबन किंग एडबुल यूनिवर्सिटी ,सऊदी अरेबिया से ऑनलाइन जुड़े थे जिन्होंने विषय की गंभीरता पर अपनी बात रखी। डॉक्टर गुणमाला गुगलिया एस.डी.एम. कॉलेज भीलवाड़ा से जुड़कर उन्होंने अपनी बात रखी ।प्रोफ़ेसर जेती अज्जूरिया बायो टेक्नीक विभाग, बंगान विश्वविद्यालय मलेशिया से प्रस्तुत थे जुड़कर उद्बोधन दिया इस सत्र में लगभग 25 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए ।द्वितीय सत्र के मध्यान के पश्चात डॉक्टर श्वेता बोहरा तथा डॉक्टर अभिषेक सक्सेना के सफल संचालन में द्वितीय सत्र का संचालन किया गया जिसमें डॉक्टर एम एस ढाका, रामकृष्ण कुर्मी ,प्रोफ़ेसर राकेश भंडारी ,डॉक्टर कोमल बापना डॉक्टर सुरेंद्र सूँड़ा, डॉक्टर अजय कुमार डॉक्टर डी.पी.एस राठौर, डॉक्टरएम.पी .पूनिया ,डॉक्टर आशा अरोड़ा ,प्रोफ़ेसर के .के. शर्मा प्रोफ़ेसर विभोर पालीवाल ,प्रोफ़ेसर राजेश कुमार प्रोफ़ेसर संगीता राठौड़ आदि ने अपना एक उद्बोधन दिया। साथ ही प्रोफ़ेसर एक्सबीन झाँग सैनजून यूनिवर्सिटी चाइना ने ऑनलाइन होकर इस विषय पर सार गर्भित उद्बोधन प्रदान कर शोधार्थियों का मनोबल बढ़ाया ।