Tehsildar member investigation team
स्मार्ट हलचल/इस्लाम खान।
हिण्डोली। बूंदी जिले के हिंडोली उपखंड मुख्यालय पर ग्राम पंचायत हिंडोली द्वारा आबादी भूमि में भूमाफियाओं को पुराने मकान के फोटो के आधार पर बनाए गए पट्टों का समाचार पत्रों में प्रकाशित करने पर जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने उपखंड अधिकारी हिंडोली को संपूर्ण प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। जिला कलेक्टर के निर्देशों की पालना में उपखंड अधिकारी ने 3 जनवरी को ही तहसीलदार हिंडोली को आदेश देकर तीन दिवस में जाट रिपोर्ट मांगी थी। उपखंड अधिकारी के आदेश पर तहसीलदार हिंडोली ने 10 जनवरी को आदेश निकालकर तीन सदस्यों की जांच कमेटी बनाकर संपूर्ण प्रकरण पर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
अब देखना यह है की ग्राम पंचायत द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बारानी भूमि को आबादी में परिवर्तित कराकर भू माफिया को किस प्रकार पट्टे आवंटित कर करोड़ों की भूमि को खुर्द किया है। इसकी जांच कमेटी दे पाती है या नहीं।
विदित रहे की 2 जनवरी को समाचार प्रकाशित होने पर जिला कलेक्टर ने तुरंत जांच के आदेश दिए थे उस पर तहसील उपखंड अधिकारी ने 3 जनवरी को ही तहसीलदार हिंडोली को आदेशित कर तीन दिवस में जांच रिपोर्ट मांगी थी। जिला कलेक्टर का आदेश बूंदी से हिंडोली चंद् घंटे में ही पहुंच गया था जबकि हिंडोली से हिंडोली में ही उपखंड अधिकारी कार्यालय से तहसीलदार के पास पहुंचने में 6 दिन लग गए ऐसे समाचार भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।