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भारत ने हमेशा आपके देश की मदद की,भारत और मालदीव के बीच तनाव और मूसा जमीर का दौरा

Tension between India and Maldives:विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से खास बातचीत की. मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर पदभार संभालने के बाद पहली बार भारत की यात्रा आए हैं. इस दौरान गुरुवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक की. इस दौरान एस जयशंकर ने कहा कि भारत मालदीव के विकास के लिए हमेशा एक प्रमुख प्रदाता रहा है

वहीं, मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर का ये दौरा राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार के तहत भारत और मालदीव के बीच तनाव के बीच हुई. इस दौरे के बारे में बात करते हुए जमीर ने कहा, “यह एक अच्छी यात्रा थी और बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया गया. मेरे समकक्ष एस जयशंकर और मेरे बीच आज सुबह बहुत उपयोगी चर्चा हुई. मैं वास्तव में भारत सरकार और विदेश मंत्रालय को धन्यवाद देता हूं.”

उन्होंने आगे कहा, “अगर आप वास्तव में 1965 की बात करें, जब मालदीव स्वतंत्र हुआ था तो भारत मालदीव को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था. इन वर्षों के दौरान, हमने बहुत उपयोगी द्विपक्षीय संबंध देखे हैं और हमने लोगों से लोगों के बीच संपर्क देखा है. मुझे लगता है कि हमारे बीच बहुत सहजीवी संबंध है जिससे दोनों लोगों को लाभ होता है. मुझे लगता है कि भविष्य में अगर आपने देखा है तो हम बहुत साफ है कि हम अपने संबंधों को गहरा करने, आगे बढ़ने और मालदीव के लोगों और भारत के लोगों के लाभ के लिए बहुत अच्छे संबंध चाहते हैं.”

इंडियन टूरिस्ट को मालदीव बुलाया

मूसा जमीर ने कहा, “मुझे लगता है कि पर्यटन मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह स्वागत करना चाहेंगे और मैं चाहता हूं कि मैं उन सभी भारतीयों का स्वागत करूं जो मालदीव की यात्रा करना चाहते हैं. इसलिए मुझे लगता है कि हम जल्द ही उस चरण से आगे बढ़ जाएंगे और हम चाहेंगे कि सभी भारतीय पर्यटक वापस आएं.”

जयशंकर ने कहा कि ‘जहां तक भारत का सवाल है, ये हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) नजरिये के में जाहिर किए गए हैं. मुझे उम्मीद है कि आज की हमारी बैठक हमें विभिन्न नजरियों को एक साथ लाने के लिए मजबूत करने में सक्षम बनाएगी.’ गौरतलब है कि मुइज्जू के मालदीव में तीन सैन्य प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी पर जोर देने के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया. भारत पहले ही अपने अधिकांश सैन्यकर्मियों को वापस बुला चुका है. मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्य टुकड़ियों की वापसी के लिए 10 मई की समय सीमा तय की थी.

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