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26/11 के बलिदानियों को राष्ट्र का नमन,मुंबई हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए, 300 से ज्यादा घायल हुए थे

साल 2008, तारीख 26 नवंबर, आज से ठीक 14 साल पहले देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने एक ऐसा हमला किया था, जिसने भारत समेत पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। बम धमाकों और गोलीबारी के बीच एक तरह से करीब 60 घंटे तक मुंबई बंधक बनी रही।

महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 2008 में मुंबई हमले के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए जान की कुर्बानी देने वाले शहीदों को मंगलवार को श्रद्धांजलि अर्पित की। उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने भी दक्षिण मुंबई स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि पाकिस्तान से आये 10 आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में भारत में अब तक का सबसे भीषण आतंकवादी हमला किया था जिसमें 166 लोग मारे गये थे।

आज भी यह आतंकी हमला भारत के इतिहास का वो काला दिन है जिसे शायद ही कोई भूला सकता है।  हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए, 300 से ज्यादा घायल हुए थे। और इन आतंकियों का सामना करते हुए मुंबई पुलिस, होमगॉर्ड, ATS, NSG कमांडों सहित कुल 22 सुरक्षाबलों ने अपना बलिदान दिया था।

पाकिस्तानी आतंकी हमले को नाकाम करने में वीरगति को प्राप्त हुए सुरक्षाबलों की बात करें तो मुंबई पुलिस, एटीएस, NSG कमाण्डों में प्रमुख नाम ATS प्रमुख हेमंत करकरे, एसीपी अशोक काम्टे, एसीपी सदानंद दाते, एनएसजी के कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसआई विजय सालस्कर, इंस्पेक्टर सुशांत शिंदे, एसआई प्रकाश मोरे, एसआई दुरूगड़े, एएसआई नाना साहब भोंसले, एएसआई तुकाराम ओंबले, कॉन्सटेबल विजय खांडेकर, जयवंत पाटिल, योगेश पाटिल, अंबादास पवार और एम.सी. चौधरी जैसे प्रमुख नाम हैं।

इनके अलावा होमगॉर्ड मुकेश बी जाधव, अरुण चिट्टे, हवलदार गजेंद्र सिंह, नागप्पा आर महाले, किशोर के.शिंदे, संजय गोविलकर और सुनील कुमार यादव ने भी आतंकियों का सामना करते हुए अपना बलिदान दिया था।

देश के इन वीर-बलिदानियों पर आगे बात करने से पहले उस दिन क्या हुआ था यदि उस पर संक्षेप में एक नजर डालें तो 26/11 मुंबई हमलों की छानबीन से जो कुछ सामने आया है, वह बताता है कि 10 हमलावर कराची से नाव के रास्ते मुंबई में घुसे थे।

इस नाव पर चार भारतीय भी सवार थे, जिन्हें किनारे तक पहुँचते-पहुँचते आतंकियों ने मार डाला था। रात के तकरीबन आठ बजे थे, जब ये हमलावर कोलाबा के पास कफ़ परेड के मछली बाजार पर उतरे। वहाँ से वे चार ग्रुपों में अलग-अलग बँट गए और टैक्सी लेकर आतंकी मंसूबों को अंजाम देने मुंबई में अपने टारगेट की तरफ निकल गए।

कहा तो यह भी जाता है कि इन लोगों की आपाधापी और हड़बड़ाहट देखकर कुछ मछुआरों को शक भी हुआ और उन्होंने पुलिस को जानकारी भी दी। लेकिन शुरू में मुंबई पुलिस ने इसे कोई ख़ास तवज्जो नहीं दी और न ही आगे बड़े अधिकारियों या खुफिया एजेंसियों को जानकारी दी।

रात करीब साढ़े 9 बजे के आसपास छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर गोलीबारी की पहली खबर मिली। यहाँ दो आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर 52 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। 100 से ज्यादा लोग हमले में घायल भी हुए।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में आतंकी हमले की बरसी पर ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मुंबई 26/11 कायराना आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाले निर्दोष नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि तथा मानवता को कलंकित करती इस घटना में कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले मां भारती के वीर सपूतों को कोटिशः नमन! आइए, आतंकवाद की समाप्ति के लिए एकजुट और संकल्पित हों।’

आतंकवाद समूची मानव सभ्यता के लिए कलंक है’

शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ‘मुंबईटैररअटैक’ हैशटैग के साथ लिखा, ‘साल 2008 में आज ही के दिन मुंबई में कायर आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों की हत्या कर मानवता को शर्मसार किया था। 26/11 के मुंबई हमलों में आतंकियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और अपना जीवन गंवाने वाले लोगों को नमन करता हू्ं। आतंकवाद समूची मानव सभ्यता के लिए कलंक है। आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को पूरे विश्व ने सराहा है और आज भारत आतंक विरोधी पहलों में विश्व में अग्रणी बना है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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