स्मार्ट हलचल/मैं ईंट से ईंट बजा दूंगा,ये वक्तव्य ही गलत है? जो खुद कालेज व्यवस्था को बजबजा दिया हो,उसका क्या ईंट बजाना?जो किसी के तारीफ में ताली नही बजा सकता,अपने लाभ में किसी को लोभी कह सकता है,किसी के बड़प्पन से तिलमिला जाते हैं,उससे क्या उम्मीद?नैक सर्टिफिकेशन कैसे लिया जाता है? आएं चटूहों के चेयरमैन से पूछ लिजिए! नेक इरादा नही,नैक क्या?वेतन विसंगतियां इतनी हैं कि,इन्हें तो पहले जुर्माने से नवाजा जाना चाहिए।इनका कहना है कि काम/कार्य के आधार पर वेतन दिया जाएगा,ये कौन सा नियम है?तब तो एक परिचर सबसे ज्यादा काम करता,उसे प्राचार्य का वेतन मिलना चाहिए ?इनके हिसाब से होमगार्ड का वेतन पुलिस अधीक्षक से ज्यादा होना चाहिए,एक वार्डब्वाय का वेतन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से ज्यादा होना चाहिए?फिर रैंक की योग्यता/अर्हता क्यों निर्धारित हैं?अपने बेटों को जबसे इन्होंने कालेज में रखा है,तभी से ये नियम लागू है कि काम के आधार पर पेमेंट मिलेगा! मुनीर जी (रक्सा),राज किशोर सिंह कालेज शुरू के बाबू हैं और उनके बीस साल बाद बाबू के पद पर अपने बेटों को नियुक्त करके दोनों के वेतन को बराबर कर दिये?ये बात नैक सर्टिफिकेशन के लिए आई टीम को बताई गयी थी क्या? और एक बात जब इनके बेटे विद्यालय में नियुक्त हुए तभी से,वेतन मान की वृद्धि की गई,स्मार्ट हलचल/ये बात बताई गई क्या नैक सर्टिफिकेशन के लिए आए लोगों से? नैक सर्टिफिकेशन,कालेज के गुणवत्ता के आधार दिया जाता है, क्या यही गुणवत्ता है कि बीस साल बाद आए व्यक्ति को,बीस साल पहले से नियुक्त व्यक्ति के बराबर वेतन दिया जाए?एक प्रबंधक भ्रम में रखकर लोगों से जमीन लिया कि दो चार महीने में ऐड पर आ जाएगा और लोगों ने अपने हृदय के हिस्से को इस कातिल प्रबंधक को दिया!चलो ऐड पर नही लाए क्यों कि अधिपत्य व लूटने का पावर कम हो जाएगा और,इसी मंशा को आसमानी रुप से और पाताली रुप से जबड़े फैलाकर लोगों को चबाना शुरु किए।जब पैसे की इनकी थैली रीशने लगी तो लोगों से कहने लगे कि आप लोग जमीन की कीमत और सेवाकाल के अंत तक आधी पेमेंट लेकर चलें जाएं और इसे अमली जामा देते देते बीसियों लोगों को या तो भगा दिए या बाध्य कर दिए भागने के लिए। क्या कर्मचारियों की ये सब आपदाएं, विपदाएं बताई गईं थीं,नैक सर्टिफिकेशन के लिए आए अधिकारियों से?नैक वालों से इतनी भी बात बताने की नैतिकता रही प्रबंधन को कि इस विद्यालय की कर्मचारियों के शोषण व लूट से,शिक्षण की तीन तीन दुकानें खोल ली गईं,ये दुश्वारियां नैक वालों से बताई गयी क्या? क्या कर्मचारियों की मानवीय संवेदना नही होती कि मानवता के लिए योग्य नही जो नैक वालों को सुनाई नही गई? शुभ शुरुआत में जो आम जन सदस्य बने,उन्हें डिलिट करके सिर्फ अपने रिश्तेदारों,भाईयों,चाचाओं,फूफा -फुफिओं,मामाओं,समधियों,बहनोइयों व चाटुकारों को लिस्ट में घूसेड़ लिया,क्या यह भी एक अर्हता है नैक सर्टिफिकेशन के लिए?जो स्टुडेंट लाचारी में,नासाजी में,कालेज अटेंड नही कर पाते हैं,अनुशासन के फर्जी फैलाव और थैली की विस्तार के लिए उनकी अटेंडेंस के लिए जुर्माने के रूप में मोटी रकम नही वसूली जाती? क्या ये भी एक योग्यता है नैक सर्टिफिकेशन पाने के लिए? स्मार्ट हलचल/कोई भी विवाद जो कालेज के बाहर का है उसे कालेज में नही लाया जाएगा लेकिन हर विवाद को कालेज का आधार बनाके,उसके फैसले लिए जाते रहे,जैसे डा. राजीव जी के शादी,गड़ही प्रकरण,कैशर उर्फ पिंटू प्रकरण, प्रबंधकीय चुनाव प्रकरण,गंवई प्रधानी प्रकरण,चाहे और भी कुछ प्रकरण जैसे भाजपा विधायक से चंदा लेंगे,और वोट की वरमाला टेलीविजन चुनाव चिन्ह वाले को पहनाएंगे,जय शंकर जी को प्रधानी खड़ा कराके फिर उनको हरवाएंगे,खालिक चाचा को वोट का आश्वासन देकर किसी और को वोट देंगे……! ये सब खुराफातों/फितरतों का चरित्र,नैक सर्टिफिकेशन के लिए जरूरी है क्या?आपके परिवार में किसी ने कभी इंटरव्यू दिया है क्या? नही तो पता होता कि इंटरव्यू में आपके दिमाग को कैसे खंगाला जाता है?या तो नैक वालों ने आपका दिमाग नही खंगाला या आपने अपने जादुई माया से उनका दिमाग ढंक दिया होगा? क्यों नही सवाल उठाएंगे?मुर्ति लगाएंगे विवेका भाई का, व्यवहार करेंगे दाउद भाई का? क्या नैक वालों ने कहा था कि बच्चा नंद सिंह जी सदस्य बन सकते हैं लेकिन रवि सिंह नही बनेंगे?बच्चा नंद सिंह जी के बेगुनाह बेगम के साथ जो आपके खूनी लोगों ने किया (ये भले ही नैक के क्वालिटी में न आए) वो उचित है क्या,नैक पर इतराने वाले,बहुरुपया?ये गुण तो जान ही लेना चाहिए नैक वालों को? मैं तो आप ही से जाना कि बीए की डिग्री और बी टेक की डिग्री बराबर होती है जैसे आप और बच्चा नंद सिंह जी बराबर हैं?इस मामले को ऐसे भी समझा जा सकता है (बीए और बी-टेक बराबर के प्रकरण पर) कि आपके घर वालों ने आपको पागल कहना छोड़ दिया है?इसका जवाब सिर्फ हां या ना में देना है?ये सभी नैक वालों को जानना चाहिए था ताकि आपके दिमाग के शातिरानापन को समझ सकें? यदि ऐसे बिंदुओं को इग्नोर किया गया है तो सवाल नैक पर उठेगा? भ्रम में रहिए, भ्रम मत पालिए जो भी आपने पाया,अभी बहुत कुछ पाना शेष है?घर में पड़ी माचिस की डिब्बी से भी सबक ले लिजिए कि आग लगाने वालों की कीमत दो कौड़ी से ज्यादा नही होती ? उपरोक्त सभी आपके आग लगाने के नजरिए को हल्ला करके बता रहे हैं कि किस तरह से समाजिक ताने बाने का हलाला किया है आपने। लेकिन जो अभी अभी जवान हो रहे उन बच्चों के लिए (जिन्हें पता न हो) किस तरह से मेरे परिवार में आग लगाया,किस तरह से राम लक्ष्मण जैसे भाई (मरहूम सिकंदर खां,व खालिक खां) में आग लगाई,भाईचारे की जिंदा लंबा-चौड़ा स्तंभी मिसाल मरहूम समद खां व स्वर्गीय भगवान सिंह के बीच कितनी मेहनत व मेहनताना से खाई खोदा,खोदवाया ? अब अपना ही देख लिजिए कैसे अपने पूरे खानदान को किनारे लगा दिया(अब घूम घूम चौखट चाट रहे हैं कि थूक के चाट रहे हैं और एक रहने की गुहार लगा रहे हैं) ? ये सभी का ख्याल रखते हुए आप तो कत्तई नही हैं नैक पाने के करेक्टर वाले संस्थान के मुखिया ? किसी से आप एक अदाकार की तरह मिलते हैं,अब कोई नही बचा है जो आपके चेहरे को अखबार की तरह पढ़ न ले! लेकिन ताज्जुब है नैक वाले कैसे चूक गए उन्हें तो चेहरे भी पढ़ने के लिए ट्रेंड किया जाता है! फिर क्यों न आपके अचूक हथियार(माया व माल) के इस्तेमाल को कारण माना जाए? सवाल तो उठेंगे,बवाल भी पूछेंगे?
आप बहुत हद तक कारण हैं हमारे मशक्कत भरी जिंदगी के लिए,अब तो इस मशक्कत से भी मुहब्बत सी हो गयी है,आराम से बैठ भी जाता हूं तो मजा नही आता,थकन सी होती है।
भरोसा और यकीन को एक जैसे मत समझिए,सफलता और पैसा भी कैसे एक जैसा हो जाएगा? भरोसा रावण को था (जैसे आप पर लोगों ने भरोसा किया) लेकिन अपने चरित्रहीनता के कारण हर साल जलता है,और यकीन तो प्रहलाद को था जो हर साल पुजता है। सफलता अब्दुल कलाम जी के पास थी,उन्हें पूजा जाता है,अरे पैसा तो आप ही के जैसे ड्रग माफियाओं,कदाचारियों,नेताओं के भी पास होता है,बड़े-बड़े नेता,ब्यूरोक्रेट्स के पास है,उन्हें जेल में डाल के कूटा भी जाता है।
आपको एक समाजिक सर्वे के आधार पर जांचा परखा जाए तो एक ही बात कामन रहती है कि आप जब भी किसी को मुंह लगाते हैं,जब कोई काम होता है, ये भी सर्वे से ही बात निकली है कि जो भी है आपके पास,वो आपका गुलाम ही होगा।आप हमेशा दूसरे के होंगे,तीसरे के होंगे,कि चौथे, पांचवें…..आप ही जानते हैं किसके होंगे ? किसी भी रिश्ते का होकर के,उस रिश्ते का हलाला करना आप ही के वश की बात है?
त्रेता युग में राजा जनक की कोई संतान नही थी।बारह साल के पूजा पाठ के बाद अचानक हल चलाने का वक्त आया तो उस हल से एक घड़ा टकराया जिसमें से जानकी जी का इस इस धरा पर चरण पड़ा/अवतरण हुआ। ये घटना धरा से राक्षस विहीन होने का कारण भी बना।एक हल से सभी प्रश्न हल हो गए। लेकिन नैक पा लेने का हक का सवाल बाकी है?
गरीब/नीरीह कर्मचारी/आदमी एलोपैथी से,होमियोपैथी से अच्छा नही होता है,उसे तो सिंपैथी के सिर्फ दो शब्द चाहिए लेकिन किस क्रूरता से अपने शब्दों को परोसते हैं वो निरीह कर्मचारी ही जानता है। करें भी क्यों नही?खून जो लगा है मुंह में?आप गरीबी नही,गरीब मिटाते हैं!
जिंदगी में तो बहुत सी गलतियां हुई होंगी,मगर जो गलती आपको भद्र लोगों द्वारा पहचानने में हुई उसका तो बहुत नुकसान हुआ है। जैसे लोगों को भ्रम में रखते हुए कालेज कब्जाया वैसे ही नैक पा लिया ? बहुत माई माई की नौटंकी खेलते हैं तो क्या माई ने यही कहा था कि कालेज कब्जा कर लो फिर दूसरे की जमीन मेरी मूर्ति लगाओ,फिर गरीबों के राशन से पितृ पक्ष में भोजन कराओ ? आपकी माई है तो आपकी बच्चा बो दादी क्या थीं? बच्चा दादा को मेंबर बना देंगे लेकिन उनकी पत्नी को दर-दर भटकने के लिए मजबूर करेंगे वो किसी की बेटी नही थी,वो किसी की बहन नही थी,वो किसी की बुआ नही थी,आपकी भी तो कुछ थीं?इस साज़िश में आप अपने माई के साथ शामिल रहे?तो ऐसे माई को माई कहेंगे तो….. किसको कहेंगे?
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि नैक सर्टिफिकेशन के लिए सारी चीजें कांसीडर करी जाती हैं जो ऊपर वर्णित हैं?आप इसे अपने दौलत के नशे में मगरुर और मगरमच्छ जैसे जब्बर जबड़े वाले जुबां से कुछ भी समझ सकते हैं ? जैसे दुनिया खरीद रहे हैं,नैक वालों को भी खरीदा है ? ये जांच का विषय नही,पक्की बात है!आप मुझे समझने में गलती नही किए हैं लेकिन निपटने में गलती जरूर करेंगे,आपके फितरतों,आतंक,बारुद,भाले छूरे से जान सलामत रही तो संघर्ष बिल्कुल होगा!