देशभर में आज से नए कानून लागू हो चुके हैं। अंग्रेजों के बनाए कानून अब कल की बात हो चुके हैं, देश अपने कानून से चलेगा। भारत देश में तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 ने आईपीसी और सीआरपीसी की जगह ले ली है। आज से जो भी अपराध संज्ञान में आएगा उसे नए कानून के तहत लिखा, सुना और कोर्ट में चलाया जाएगा। इसी कड़ी में आज सुबह दिल्ली में नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई। आरोपी पर नए क्रिमिनल कानून की धारा 173 लगाई गई है।
3 नए आपराधिक कानून लागू
तीन नए आपराधिक कानून सोमवार (1 जुलाई) से देशभर में लागू हो गए हैं। इससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे और औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो जाएगा। यह कानून होंगे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम नए कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी। उसमें जीरो पर एफआईआर, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, एसएमएस के जरिए समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे। इन कानूनों में मौजूदा वास्तविकताओं और अपराधों से निपटने का प्रयास किया गया है।
गवाहों को सुरक्षा, बच्चों के खिलाफ अपराध पर अध्याय जोड़ा
आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा। पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे। दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक की मौजूदगी में लेगी। नए कानूनों में सभी राज्य सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना अनिवार्य है, ताकि गवाहों की सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित किया जाए और कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता व प्रभाव बढ़ाया जाए। नए कानूनों में बच्चों और महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है। किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया। नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान किया गया है।
मॉब लिंचिंग के लिए भी प्रावधान : नए कानूनों में भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने के लिए अलग से प्रावधान किया गया है। पुराने कानून में इसका प्रावधान नहीं था। हाल ही में मॉब लिंचिंग की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं।
नि:शुल्क इलाज मिलेगा : अब महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में पीड़ितों को सभी अस्पतालों में नि:शुल्क प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इससे उन्हें तुरंत मेडिकल मदद मिल सकेगी।
तलाशी की वीडियोग्राफी होगी : नए कानूनों में सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
अदालत दो बार ही सुनवाई स्थगित कर सकेंगी : अदालतें समय रहते न्याय देने के लिए मामले की सुनवाई में अनावश्यक विलंब से बचने के वास्ते अधिकतम दो बार मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर सकती हैं।
नए कानून की विशेषताएं
- भारतीय न्याय संहिता में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं
- 6 छोटे अपराधों में सामुदायिक सेवा का प्रावधान है
- धारा 70(2): सामूहिक बलात्कार की सजा में मृत्यु दंड का प्रावधान
- कई अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया
- गिरफ्तार व्यक्ति अपनी पसंद के व्यक्ति को सूचित कर सकेगा
- जांच कितनी बढ़ी यह जान सकेंगे
न्याय संहिता में जोड़ी गईं धाराएं और नए अपराध
- 48 – भारत में अपराधों का दुष्प्रेरण
- 69 – शादी का झांसा देना
- 95- बच्चों से अपराध कराना
- 103(2)-मॉब लिंचिंग
- 111- संगठित अपराध
- 112- छोटे संगठित अपराध
- 113- आतंकवादी कार्य
- 152- राज्य के विरुद्ध अपराध
- 304- स्रेचिंग
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज को बाधित कर अपनी दुकान चलाने पर रेहड़ी-पटरी वाले पर नए क्रिमिनल कानून के तहत केस दर्ज किया गया है। रेहड़ी पटरी वाले पर भारतीय भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 173 के तहत पहली FIR दर्ज कराई गई है। वहीं उसपर दूसरे क्रिमिनल कानून की धारा 285 के तहत आरोप लगाया गया है।
एफआईआर में दिए गए विवरण के अनुसार, आरोपी मुख्य सड़क के पास एक ठेले पर तंबाकू उत्पाद और पानी बेच रहा था, जिससे राहगीरों को परेशानी और असुविधा हो रही थी। आस-पास गश्त कर रहे पुलिस अधिकारियों ने आरोपी से अपना ठेला हटाने का अनुरोध किया, लेकिन उसने उनके निर्देशों की अवहेलना की। इसके बाद दिल्ली पुलिस को यह कार्रवाई करनी पड़ी।