भीलवाड़ा। स्मार्ट हलचल।बिजौलिया तहसील में किसी मनमर्जी से खर्च हुए है तो उसके खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज करवाया जाकर कार्यवाही की जाये। ट्रस्ट में काफी मात्रा में आय होती है जिसमें एक प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त कर हर माह उसकी निगरानी में आय व्यय का हिसाब किया जाये ताकि पारदर्शिता बनी रहे व आज तक ट्रस्ट में कितने सामान है कहां से व किसकी सलाह से खरीदे गये है इस संबंध में भी टेंडर निकाले है या नहीं इसकी भी जांच करवाई जाए। एक समाज को छोड़कर अन्य सभी समाज मीणा, भील, रेगर, ओड, बंजारा, गुर्जर, जो क्षेत्र में बाहुल्य जाति है जिनके व्यक्तियों द्वारा मेहनत का रूपया दान पेटी में डाला जाता है जिनसे भी परहेज किया जाकर निम्न समझा जाता है। अतः निम्न समझी जाने वाली जातियो को समानता का अधिकार दिया जाकर समस्त जातियो को समानता अधिकार दिया जाये। जो तभी संभव है जब इस्ट में सभी समाज के सदस्य हो तब ही ऊंच नीच समाप्त हो सकती है।
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होना नियमानुकुल है, समस्त जांच
स्थित तिलस्वा महादेव मंदिर इस्ट की जांच करवाने की मांग को लेकर मंगलवार को तीन बसों के माध्यम से सैकड़ों ग्रामीण कलक्ट्रेट पहुंचे और जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया गया कि तिलस्वा महादेव मंदिर आस पास के इलाके का आस्था का धाम है जहां लाखो की संख्या में श्रद्धालु आते है। यहां पर वर्षों से एक ही समाज के व्यक्तियों की मनमानी व बोलबाला होकर काफी तानाशाही व भ्रष्टाचार फैल गया है। इस संबंध में क्षेत्रवासीयो ने पूर्व में 5 मार्च 2024 को एसडीएम बिजौलिया के समक्ष काफी संख्या में उपस्थित होकर दस सूत्री मांगो को लेकर राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन दिया था मगर कुछ राजनीतिक पहुंच वाले व तानाशाही व हटधर्मियों के दबाव के कारण आज दिन तक ज्ञापन की मांगो पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। 22. उन्होंने ज्ञापन देकर तिलस्वा नाथ द्वस्ट है। से संबंधित पत्रावली रजिस्ट्रार कार्यालय से मुल पत्रावली को मंगवाई जाकर यह जांच करवाई जावे की ट्रस्ट कब व किस आदेश के तहत बनाया गया है व इसकी क्या क्या शतें रही है, कितने सदस्य थे वर्तमान में कितने है अगर किसी सदस्य को हटाया गया है तो किसके आदेश से हटाया गया है। कर सदस्यो की संख्या अधिकतम कितनी
करवाई जावे। यहां पर धमकिया दी जाती है कि ट्रस्ट ताजिंदगी एक ही व्यक्ति के अधीनस्थ रहेगा व उसी की मनमर्जी व तानाशाही से ट्रस्ट में नया सदस्य जोडा या हटाया जायेगा। एक व्यक्ति ही के पास ही सर्व अधिकार रहेंगे ऐसा नियम व उक्त ट्रस्ट पत्रावली के आदेश में लिखा हुआ है या नहीं। पूर्व में जनसंख्या व जागरूकता व सोशल मिडिया नहीं थी अब जनसंख्या, जागरूकता व सोशल मिडिया बढ़ी है तो दस्ट में हर समाज के दी दो योग्य व इच्छुक व्यक्तियों को जोडा जाकर समस्त कार्यकारीणी के बारे में आम जन को जानकारी होनी चाहिए। विगत करीब 26 वर्षों से आज तक एक ही
कार्यकारीणी की मनमानी से कार्य किया जा रहा है अब नई सदस्य समिति बनाई जाये ताकि मनमानी नहीं होकर विकास कार्य में पारदर्शीता रह सके। ट्रस्ट के विगत 15 साल का आय व व्यय का लेखा जोखा सार्वजनिक किया जाये की ट्रस्ट खाते में दान पेटी से रसीदों से व अन्य किसी भी माध्यम से प्राप्त दान राशी कितनी आई है व कितनी खर्च की गई है। अभी वर्तमान में कितनी बचत है बचत नकद है अथवा किसी अन्य के द्वारा उपभोग की जा रही है अगर किसी के द्वारा उपभोग की जा रही है तो किसके आदेश से की जा रही है व भगवान के खाते में कुल कितनी जमिन है जो किसके नाम पर है सोना,
चांदी, नकदी व चल व अचल संपति का समस्त ब्यौरा सार्वजनिक करवाया जाकर हर माह बाहर बोर्ड पर लगाया जाये अगर बचत राशी नकद व बैंक खातों में होकर बिना किसी सहमति के कोई उपभोग कर रहा है तो उसके खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज करवाया जाकर संपति वसुली जाये व भगवान के खाते में जमा करवाई जावे । मंदिर में अब तक जितने भी निर्माण कार्य हुए है उनकी नियमानुसार टेंडर निकले है अथवा नहीं या कितने सदस्यों द्वारा उसमें सहमति लिखित में दी है या बिना टेंडर मिलीभगती से सारा पैसा खर्च हो रहा र है इसकी जांच करवाई जावे। अगर बिना बैठक निर्णय के
पूर्व में ज्ञापन दिया जब से ही ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा रिकॉर्ड के साथ छेडछाड व कांट छाट कर आय व्यय को बराबर करने की कोशीश की जा रही है। ग्रामीणों ने अविलम्ब ट्रस्ट का रिकॉर्ड जप्त करने की मांग की अन्यथा मजबुरन ग्रामवासियों द्वारा जांच होने तक प्रस्ट कार्यालय के ताला लगाने की चेतावनी दी।