सभा को किया संबोधित
मेड़ता रोड
एजाज़ अहमद उस्मानी
पूर्व केंद्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा की मूर्ति का अनावरण करने रविवार दोपहर 1.20 बजे उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ मेड़ता पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबा (नाथूराम मिर्धा) जैसा कोई नहीं है। वे किसानों की सोच है। किसानों के मसीहा है। उन्होंने यहां से राजनीति और आज के दौर में गलत राह पर जा रहे युवाओं के बारे में भी काफी कुछ कहा और कानून को सबसे बड़ी ताकत बताते हुए उन्हें सही रास्ते पर आने के लिए प्रेरित किया।
11 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण
दोपहर 2.45 बजे नाथूराम मिर्धा स्मृति स्मारक परिसर में अष्ठधातु से बनी नाथूराम मिर्धा की सवा 11 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण करने के बाद वे सभा स्थल पहुंचे। यहां उन्होंने हजारों की संख्या में मौजूद लोगों से कहा कि यह मेरे और मेरी पत्नी के जीवन का सबसे यादगार पल है। याद करो उस समय को जब जागीरदारों की कितनी ताकत थी। देश आजाद नहीं हुआ उस समय कानून की पढ़ाई करके उस उम्र में बाबा ने जो किया वो कोई सोच भी नहीं सकता। धनखड़ ने कहा कि मेरे जैसा आदमी जिसने बाबा से राजनीति सीखी, समाज का काम सीखा, लोकसभा में उनके साथ रहा, वो बड़े मंत्री थे मैं छोटा मंत्री था… उनकी मूर्ति का आज मैं अनावरण कर रहा हूं। यह दिन सदैव मेरे लिए यादगार रहेगा।
उन्होंने कहा कि नाथूराम मिर्धा कोई आदमी नहीं थे, वो एक सोच थे, मिर्धा दूर की सोचने वाले आदमी थे। उप राष्ट्रपति ने कहा कि आप चारों तरफ देखों…, कभी भी बाबा (नाथूराम मिर्धा) की चादर पर कोई कालिख लगी क्या। कभी नहीं लगी मगर आज के जमाने में राजनीति है ना… यह कोयले की खान है और कालिख जल्दी ही लग जाती है। बाबा का जीवन का एक-एक मिनट 24 कैरेट गोल्ड की तरह शुद्ध रूप से किसानों के लिए समर्पित रहा था।
उपराष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
हमेशा किसानों की बात करते थे मिर्धा
उप राष्ट्रपति ने कहा कि मिर्धा हमेशा किसान की बात करते थे। ऐसे बड़े आदमी आज के समय में कहां मिलेंगे। तभी में कहता हूं बाबा में कुछ खास था, उनका कोई मुकाबला नहीं है। राजस्थान विधानसभा हो या लोकसभा, देश के किसान के विकास के इतिहास में यदि अगर कोई मील का पत्थर है और जिन्होंने सर छोटूराम, किसान केसरी बलदेवराम मिर्धा की बात को आगे बढ़ाया है और चौधरी चरण सिंह की सोच को सींचा है उस महापुरुष की प्रतिमा के अनावरण का सौभाग्य मेरे जैसे साधारण आदमी को मिला है। मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि मैं इतना बड़ा आदमी हो जाऊंगा की नाथूराम मिर्धा की मूर्ति का अनावरण करुंगा। मेरे जीवन में इतना बड़ा अवसर और कोई नहीं आएगा।
गलत काम के होते हैं खतरनाक अंजाम-धनखड़
उपराष्ट्रपति ने कहा कि बच्चे भटकने नहीं चाहिए। आज के बच्चे अगर भटके, नशे की लत में गिरे, कानून के साथ खिलवाड़ की तो हो सकता है। कानून तोड़ने का आर्थिक फायदा मिल जाए, धौंस करने से आपका कोई काम निकल जाए, धमकाने से आपको कोई फायदा हो जाए। लेकिन मेरी बात ध्यान रखना गलत काम के खतरनाक अंजाम होते हैं। कानून को हाथ में लेना खुद को तो बर्बाद करना हैं ही साथ ही अपने समाज को भी कलंकित करना है। मेरी बात को ध्यान रखना कि कोई कानून से ऊपर नहीं है। टाइम लग सकता है पर कानून का दरवाजा आपको फेस करना पड़ेगा।
यहां आकर मन राजी हो गया-धनखड़
उप राष्ट्रपति ने कहा कि यहां आकर मेरा चित बहुत राजी हो गया है। यहां दोबारा भी आने का मन करेगा। यहां से हमें यही प्रण लेना है कि बाबा की बात को आग बढ़ाएंगे। यह देश मूल रूप से किसानों का देश है। अगर हमारी अर्थव्यवस्था का डंका दुनिया में बज रहा हैं, किसान के खून-पसीने की वजह से बज रहा है।
मुख्य मंच पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उनकी पत्नी सुदेश धनखड़, डेगाना के पूर्व विधायक रिछपाल सिंह मिर्धा, पूर्व नागौर सांसद ज्योति मिर्धा, कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ही मौजूद रहे। अपने संबोधन के बाद शाम 4 बजकर 25 मिनट पर उप राष्ट्रपति हेलिकॉप्टर के जरिए रवाना हो गए। आपको बता दें कि उप राष्ट्रपति के हवाई कॉफिले में तीन हेलिकॉप्टर शामिल थे।