अनिल कुमार
जिला ब्यावर|स्मार्ट हलचल|एक्सप्रेस-वे भूमि अधिग्रहण पर ग्रामीणों का विरोध|नरबदखेड़ा, केसरपुरा, सिंगाड़िया के लोगों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा|जामनगर मार्ग एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में नरबदखेड़ा, केसरपुरा और सिंगाड़िया के ग्रामीणों ने सोमवार 08 दिसबंर को ब्यावर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।ग्रामीणों ने अपनी आबादी, अस्पताल, स्कूल, खेती और धार्मिक स्थलों को बचाने की मांग की। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।
ग्रामीणों के अनुसार, एक्सप्रेस-वे के प्रारंभिक नक्शे में लगभग 1200 परिवार और करीब 4000 लोगों की आबादी वाला क्षेत्र प्रभावित हो रहा है।
इसमें राजकीय माध्यमिक स्कूल, राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, कृषि भूमि, आवासीय मकान और धार्मिक स्थल शामिल हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रभावित क्षेत्रों में कई वर्षों से बसे परिवार खेती, पशुपालन और छोटे व्यापार से अपनी आजीविका चलाते हैं।
भूमि अधिग्रहण लागू होने पर ग्रामीणों का जीवन संकट में पड़ जाएगा।
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए विस्थापन एक बड़ी समस्या बन जाएगी।
ग्रामीणों ने जोर देकर कहा कि यदि नया रास्ता प्रस्तावित किया जाता है, तो इसका सीधा असर गांवों पर पड़ेगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आजीविका के साधन समाप्त हो जाएंगे। ज्ञापन में स्पष्ट उल्लेख है, “न नया बसावट स्थल हमारे लिए संभव है, न ही आजीविका छोड़कर कहीं और बसना।”
ग्रामीणों ने मांग की है कि एक्सप्रेसवे के लिए ऑप्शनल रास्ता अपनाया जाए ताकि आबादी और कृषि भूमि सुरक्षित रह सके। यदि यह संभव न हो, तो प्रभावित सभी परिवारों के लिए पुनर्वास, मुआवजा और अन्य सुविधाओं की स्पष्ट नीति घोषित की जाए। ग्रामीणों ने अंत में अधिग्रहण प्रक्रिया को रोकने और उनकी समस्या का समाधान निकालने की अपील की।


