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वायरस के संभावित लक्षण पाए जाने पर समय पर चिकित्सकीय उपचार ले आमजन

भीलवाड़ा । जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के कुछ मामले देश के कुछ हिस्सों में देखे गए हैं। लेकिन इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस वर्ष 2001 से मौजूद है, लेकिन रोगियों पर इसका प्रभाव सामान्य रहा है। इस वायरस से मौत का कोई मामला और चिंताजनक स्थिति सामने नहीं आई है। यह वायरस खांसी-जुकाम जैसे सामान्य लक्षणों के साथ प्रकट होता है और घातक नहीं है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉं0 सी.पी. गोस्वामी ने बताया कि सर्दी के मौसम को देखते हुए बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्ति सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि होने पर अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श लें। जिले में चिकित्सा विभाग ने इस एचएमपीवी वायरस से निपटने के संबंध में सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। यह वायरस घातक नहीं है। खांसी-जुकाम जैसे सामान्य लक्षणों के साथ सर्दी के मौसम में आमतौर पर कुछ केस इस वायरस के सामने आते रहे हैं। केंद्र सरकार के अनुसार एचएमपी वायरस का प्रसार वर्तमान में नगण्य है, लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर जिले में चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सा संस्थानों में पूर्ण तैयारियां रखकर सजग एवं सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, आईसोलेशन वार्ड, रिजर्व बेड रखने, सर्दी खांसी जुकाम हेतु अलग से ओपीडी, जांच हेतु आवश्यक उपकरण सही रखने, उपचार सहित अन्य आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। सीएमएचओ डॉ0 गोस्वामी ने बताया कि जिले में किसी भी निजी व राजकीय अस्पताल में किसी रोगी में इस वायरस के संभावित लक्षण पाए जाने पर प्रमाणिक जांच के लिए सैंपल मान्यता प्राप्त लैब में ही भिजवाये। साथ ही, इस संबंध में चिकित्सा विभाग के जिला स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रूम नम्बर 01482-232643 पर इसकी सूचना देवे।एचएमपीवी वायरस से बचाव के लिए सीएमएचओ ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि आमजन घबराएं नहीं और सावधानी बरतें। सतर्कता और समय पर उपचार से इस सामान्य वायरस से आसानी से निपटा जा सकता है।

एचएमपीवी वायरस क्या है?

एपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ0 सुरेश चौधरी ने बताया कि एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस) एक सामान्य वायरस है, जो खांसी, जुकाम और गला खराब होने जैसी समस्याएं पैदा करता है। यह मुख्य रूप से सर्दियों और वसंत में फैलता है। फेफड़ों तक पहुंचने पर यह निमोनिया का कारण बन सकता है।

एचएमपीवी वायरस कैसे फैलता है?

यह वायरस खांसी और छींक के दौरान हवा के माध्यम से। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए सामान को छूने से तथा बीमार व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से शरीर में प्रवेश करता है।

एचएमपीवी के लक्षण-

एचएमपीवी वायरस से ग्रसित व्यक्ति को खांसी, बुखार, बहती या बंद नाक, सांस लेने में तकलीफ, त्वचा पर लाल चकत्ते हो सकते है। छोटे बच्चों, बुजुर्ग व कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को विशेश सावधानी बरतनी चाहिए।

बचाव के उपाय-

एचएमपीवी वायरस से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोएं। मुंह, नाक और आंखों को छूने से बचें। बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें। बाहर निकलते समय मास्क पहनें। खांसते या छींकते समय टिश्यू या रुमाल का उपयोग करें।

यदि लक्षण महसूस हों तो क्या करें?
यदि आप या आपके परिवार के किसी सदस्य में एचएमपीवी के लक्षण दिखें, तो तुरंत अपने निकटतम सरकारी अस्पताल में चिकित्सकीय सलाह लेकर उपचार प्राप्त करे।

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