आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। लेकिन इन दिनों में लोगों में आंखों की रोशनी कमजोर या नजर कमजोर होने की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। यहां तक आजकल छोटे-छोटे बच्चों को साफ देखने के लिए चश्मे की जरूरत पड़ रही है। नजर कमजोर होने के वैसे तो कई कारण हैं, लेकिन इसका एक बड़ा कारण शरीर में पोषण की कमी होना भी है। / हमारी आंखों को स्वस्थ रखने में कुछ विटामिन और मिनरल्स बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। जब आप संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार नहीं लेते हैं, या आपके आहार में इन विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होती है तो यह आपकी आंखों की रोशनी को प्रभावित करते हैं। साथ ही इससे आंखों से जुड़ी कई अन्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है।
विटामिन की कमी और अनेक स्वास्थ्य समस्याएं |
आपके शरीर को 13 आवश्यक विटामिन की जरूरत होती है, जो आप कई फूड्स से प्राप्त कर सकते हैं. प्रत्येक विटामिन की एक अलग भूमिका होती है, यही वजह है कि विटामिन की कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है और कई लक्षण पैदा कर सकती है.
सामान्य रूप से विटामिन की कमी का अर्थ है शरीर में विटामिन का लो लेवल या अपर्याप्त मात्रा. यह थकान, कमजोरी, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन से लेकर हड्डियों की कमजोरी, त्वचा के रंग में बदलाव या बार-बार चोट लगने से लेकर कई लक्षण पैदा कर सकता है. इसके अलावा, कुछ विटामिनों की कमी होने से आप अवसाद सहित कई संक्रमणों और बीमारियों के शिकार हो जाते हैं.
दो विटामिन जिनकी कमी से आंखों की रोशनी कमजोर होती है:
माना जाता है कि विटामिन ए और बी12 की कमी से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है. अगर इलाज न किया जाए तो दृष्टि हानि हो सकती है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, विटामिन ए की कमी कॉर्निया को बहुत शुष्क बनाकर अंधेपन में योगदान करती है, जिससे रेटिना और कॉर्निया को नुकसान पहुंचता है.
इसी तरह विटामिन बी12 की कमी से भी आंखों की रोशनी कम हो सकती है. विटामिन बी 12 मस्तिष्क और तंत्रिका कोशिकाओं के कार्य और विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व है. इसकी अपर्याप्तता से ऑप्टिक न्यूरोपैथी हो सकती है. इसके साथ ही आंखों की रोशनी कम होने का भी खतरा रहता है.
कैसे पहचानें कि शरीर में विटामिन ए की कमी है?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, रतौंधी विटामिन ए की कमी के पहले लक्षणों में से एक है, जो बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. अन्य लक्षणों में संक्रमण, जेरोफथाल्मिया – एक ऐसी स्थिति जिसमें आंखें बहुत ड्राई हो जाती हैं – त्वचा में जलन, प्रजनन समस्याएं और बहुत कुछ शामिल हैं.
विटामिन ए की कमी का प्राइमरी कारण शरीर में पर्याप्त विटामिन ए नहीं मिल रहा है या शरीर में विटामिन ए प्रभावी ढंग से अवशोषित नहीं हो रहा है.
विटामिन बी12 की कमी से होने वाली अन्य समस्याए:
– आपकी त्वचा पर हल्का पीला रंग
– एक पीड़ादायक और लाल जीभ (ग्लोसाइटिस)
– मुंह के छालें
– पेरेस्टेसिया
– आपके चलने और घूमने के तरीके में बदलाव
– कमजोर आंखों की रोशनी
– चिड़चिड़ापन और अवसाद
– आपके सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके में बदलाव.
– आपकी मानसिक क्षमताओं में गिरावट, जैसे स्मृति, समझ और निर्णय
ए और बी12 का लेवल कैसे बढ़ाएं?
पनीर, अंडे, ऑयली फिश, फोर्टिफाइड लो-फैट स्प्रेड, दूध और दही विटामिन ए के कुछ बेहतरीन फूड सोर्सेज हैं. आप अपने आहार में बीटा-कैरोटीन के अच्छे स्रोतों को शामिल करके भी विटामिन ए प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि शरीर इसे रेटिनॉल में बदल सकता है.
पीली, लाल और हरी (पत्तेदार) सब्जियां, जैसे पालक, गाजर, शकरकंद और लाल मिर्च और पीले फल, जैसे आम, पपीता और खुबानी बीटा-कैरोटीन के अच्छे स्रोत हैं.
आप इनकी पर्याप्त मात्रा पोर्क, हैम, पोल्ट्री, लेम्ब, मछली (टूना और हैडॉक), सी फूड जैसे शेलफिश और केकड़ा, डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे पनीर, दही, अंडे, दूध, के जरिए से प्राप्त कर सकते हैं.
आंखों का व्यायाम (Eye Exercises)
आंखों की रोशनी को ठीक करने के लिए आप घर बैठे आंखों की कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं:
हाथ योग (Hatha Yoga): अपने दोनों हाथों को तब तक रगड़ें जब तक की वो गर्म न हो जाएं। अब अपने हाथों को अपनी आंखों पर रख लें। इससे आंखों के आस-पास की नसों को आराम मिलेगा और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा।
सनिंग (Sunning): सूरज की तरफ देखते हुए अपने सर को एक तरफ से दूसरी तरफ तक हिलाएं। खुली आंखों से सीधे सूरज की तरफ न देखें।
आंखों की पुतलियों को क्लॉकवाइस और एंटी-क्लॉकवाइस घुमाएं। ऐसा अपनी आंखें बंद कर के करें। इसे दिन में दो बार करें। हालांकि, इसे आप दिन में दो से अधिक बार भी कर सकते हैं।