ग्राउंड जीरो रिपोर्ट….Police is giving protection to gravel mafia
बनेठा व अलीगढ़ थाना पुलिस दे रही बजरी माफियाओं को संरक्षण-नाबालिग भी दौड़ा रहे अवैध बजरी भरे वाहन,जिम्मेदार मौन
टोंक/उनियारा । जिले में अवैध बजरी खनन व परिवहन की रोकथाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में जिला पुलिस कप्तान व जिला प्रशासन टोंक द्वारा जिले के पुलिस प्रशासन सहित जिम्मेदारों को सख्ती से कार्यवाही करने व अपराधों की रोकथाम को लेकर शिकायत मिलने या समय-समय पर लगातार आदेश व निर्देश दिए जाते रहे हैं। लेकिन उनियारा सर्किल क्षेत्र में पुलिस प्रशासन व वन विभाग के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों व कार्मिकों की मिलीभगत के चलते सर्किल क्षेत्र में अवैध बजरी का खनन / परिवहन रूकता नजर नहीं आ रहा है। पुलिस थानों सहित सरकारी कार्यालयों के सामने से, हाईवे व कस्बों / गांवों की सड़कों से खुलेआम बेरोकटोक अवैध बजरी का परिवहन जारी हैं। हमारी मिडिया टीम की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट के अनुसार उनियारा सर्किल क्षेत्र में बनेठा व अलीगढ़ थाना क्षेत्र में सार्वाधिक बजरी परिवहन के मामले देखे जा रहे हैं। वहीं सोप, उनियारा व नगरफोर्ट थाना क्षेत्र से भी जमकर अवैध बजरी का परिवहन होता देखा जा रहा हैं। इतना ही नहीं नाबालिग चालक भी अवैध बजरी भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली को दौडाते नजर आ रहे हैं। इसी वजह से नियमित कार्यवाही नहीं होने व जिम्मेदारों द्वारा संरक्षण मिलने की वजह से क्षेत्र में लगातार अवैध बजरी का खनन व परिवहन रूकने की बजाय बढ़ता ही जा रहा हैं। यह सब गोरखधंधे आमजन को तो जरूर नजर आते हैं, लेकिन क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों व उनके कार्मिकों को यह सब अवैध गतिविधियों के गोरखधंधे शायद नजर नहीं आते हैं। जिससे क्षेत्र में आएदिन घटना दुर्घटनाएं बढ़ती नजर आ रही हैं। जिससे क्षेत्र में राह चलते निर्दोष राहगीर, वाहन चालकों सहित गौवंश पशुओं को हादसे का शिकार होना पड़ता हैं या मौत के घाट उतरना पड़ता हैं। या यूं कहे की पुलिस कार्यवाही के दौरान मिलीभगत के चलते बजरी के वाहन चालकों को पुलिस द्वारा भगाना दिखाकर रिकॉर्ड में नहीं लेकर संरक्षण देने की कारगुजारी के मामले भी सामने आ रहे हैं तथा नाबालिग ट्रैक्टर चालक भी खुलेआम अवैध बजरी से भरे ओवरलोड वाहनों को दौडाते नजर आ रहे हैं। इनका रेंकी करने वाला मुखबीर क्षेत्र में जगह-जगह पुलिस थानों के आसपास या चौराहे पर घूमते नजर आते हैं, जो पुलिस सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की निगरानी रखकर पहले से ही सूचना बजरी के वाहन चालकों को पहुंचा देते हैं, अगर किसी वजह से भूले बिसरे बजरी माफियाओं के वाहन पकड़ में भी आ जाते हैं तो मिलीभगत व मासिक/हफ्ता एंट्री वसूली की वजह से वाहन के चालक का रिकॉर्ड भी पुलिस द्वारा बदल दिया जाता हैं। जबकि स्थानीय उपखण्ड क्षेत्र में पुलिस प्रशासन सहित क्षेत्र के जिम्मेदार चाहे तो उनके लिए अवैध खनन व परिवहन रोकना कोई बड़ी बात नहीं हैं। इसके जीते जागते उदाहरण को यूं समझते हैं की जिले या क्षेत्र में किसी बड़े अधिकारी का एक-दो दिन निरीक्षण होता हैं या निरीक्षण की एडवांस सूचना होती हैं तो चौथवसूली / हफ्ता वसूली की वजह से स्थानीय पुलिस सहित जिम्मेदार पहले से ही बजरी माफियाओं को सूचित कर भूमिगत कर देते हैं। जब स्थानीय जिम्मेदारों के ऊपर अवैध बजरी खनन / परिवहन की कार्यवाही करने का दबाव होता हैं तो महीने में एकाद वाहनों को जब्त दिखाकर हल्की धाराओं में कार्यवाही को अंजाम देते हुए इतिश्री कर उच्चाधिकारियों को खुश कर दिया जाता हैं।