मंत्री दिलावर के DNA वाले बयान पर बवाल
Uproar over Minister Dilawar’s DNA statement
DNA टेस्ट के लिए ब्लड देने जयपुर पहुंचे सांसद राजकुमार रोत, पुलिस ने रोका तो सड़क पर ही दिया ब्लड सैंपल
रितिक मेहता
डूंगरपुर, स्मार्ट हलचल। राजस्थान में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के डीएनए वाले बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत और उनके समर्थकों ने शनिवार को शिक्षा मंत्री दिलावर के आवास को घेरने की कोशिश की। लेकिन, पुलिस ने उन्हें अंबेडकर सर्किल पर ही रोक लिया। ऐसे में सांसद सहित उनके समर्थकों ने सड़क पर ही पुलिस को अपने ब्लड सैंपल सौंप दिए। साथ ही सांसद ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सात दिन में दिलावर माफी नहीं मांगे तो वे विधानसभा घेराव करेंगे। बता दें कि सांसद रोत ने दो दिन पहले ही मंत्री के आवास पर जाने की घोषणा की थी। जानकारी के मुताबिक बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत आज अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ ब्लड सैंपल देने के लिए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आवास की ओर रवाना हुए। ऐसे में प्रशासन ने हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया। जैसे ही रोत समर्थक अंबेडकर सर्किल पहुंचे तो पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर सभी को रोक लिया। मामला गरमाता देख पुलिस ने दोपहर करीब एक बजे सड़क पर ही सांसद रोत और उनके समर्थकों के ब्लड सैंपल ले लिए। पुलिस अधिकारियों ने इन सैंपलों को मदन दिलावर के पास भेजने की बात कही। तब जाकर मामला शांत हुआ और समर्थक वापस लौट गए।
सांसद रोत ने दिया विधानसभा के घेराव का अल्टीमेटम
इससे पहले बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने कहा था कि यह मामला यहीं दबने वाला नहीं है। अगर सात दिन में मदन दिलावर ने माफी नहीं मांगी तो विधानसभा का घेराव करेंगे। साथ ही विधानसभा में भी यह मामला उठाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि संसद में मोदी जी के सामने भी यह मुद्दा उठाऊंगा। अगर सैंपल नहीं लिया तो संसद में पीएम नरेंद्र मोदी को डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड का सैंपल दिया जाएगा।
मंत्री दिलावर ने दिया था ये बयान
बता दे कि 21 जून को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि देश को तोड़ने की गतिविधियां शुरू करेंगे तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे। आदिवासियों के अपने आपको हिंदू नहीं मानने के सवाल पर दिलावर ने कहा कि यह तो पूर्वजाें से पता चल जाएगा। वंशावली लिखने वालों से पूछ लेंगे। उनके डीएनए की भी जांच करवा लेंगे। उनके इस बयान के बाद से ही आदिवासी समुदाय के लोगों में रोष व्याप्त है। प्रदेशभर में लगातार दिलावर को मंत्री पद से हटाने और आदिवासी समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग उठ रही है।