—-> युवा गहराई वाले चादर के जल बहाव क्षेत्र में उंचाई से गोते लगा कर अपना जीवन संकट में डाल रहे है।
—-> बांध से युवा लगा रहे गोते, कही भारी पड़ ना जाए सैलानियों की मौज-मस्ती।
महेंद्र कुमार सैनी
स्मार्ट हलचल/नगर फोर्ट मौसम के बदलाव के चलते कुछ दिनों से रुक रुक कर व कभी तेज हो रही बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है तहसील क्षेत्र के धुवांकला स्थित पर्यटन स्थल मोतीसागर बांध लबालब होने पर प्रतिदिन आ रहे हजारों सैलानि । 17 फीट की भराव क्षमता वाले मोती सागर बांध की पिछले एक सप्ताह से चल रही है चादर। बांध की बुर्जों पर ऊंचाई से झरने के रूप में गिर रहे पानी में आनंद उठाने टोंक, देवली, ,टोडारायसिंह, मालपुरा, उनियारा, अलीगढ़, निवाई सहित विभिन्न शहरो व गांव से सैलानी परिवार सहित आनंद लेने आते हैं। युवा सैलानी गहराई वाले जल-भराव एवं चादर के जल प्रवाह क्षेत्र में उंचाई से गोते लगा अपना जीवन संकट में डाल रहे है। उन्हें रोकने ठोकने वाला कोई नहीं। इससे बांध पर आने वाले सैलानियों की मौज-मस्ती भारी पड़ती दिखाई दे रही है।उल्लेखनीय है कि सत्रह फीट भराव क्षमता एवं तेरह बुर्जो वाले मोतीसागर बांध के लबालब हो चादर चलने के बाद एक सप्ताह से प्रतिदिन मौज-मस्ती एवं पिकनिक मनाने दूर-दूर से आ रहे सैलानी बांध के जल प्रवाह में नहाने का लुत्फ ले रहे है तो युवा सैलानी जल-भराव एवं उंचाई से गोते लगा तैरने का लुत्फ ले रहे है।
हालांकि कई लोग जल प्रवाह की कुंडिय़ों एवं आस-पास बह रहे पानी में बैठकर चादर का लुत्फ ले रहे है।
सावन मास में रविवार और सोमवार को रहती है अधिक भीड़। मोती सागर बांध से लगभग 300 मीटर की दूरी पर करीबन 1500 साल पुराना प्राचीन गंगेश्वर शिव मंदिर है। सावन मास में श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है।धुंआ कला के समीप धन्ना भगत का मंदिर व सिख समुदाय का विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा है ।जहां देश भर से सिख समुदाय के अलावा प्रदेशभर से श्रद्धालु यहां माथा टेकने आते हैं।