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ग्राम विकास अधिकारी एवं कनिष्ठ अभियंता ने लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा किया,मामला दर्ज

Village Development Officer Fraud

के के धांधेला
पाटन —स्मार्ट हलचल।पंचायत समिति नीमकाथाना में सहायक अभियंता (नरेगा) के पद पर राजकीय सेवा में कार्यरत संपत कुमार सैनी पुत्र भजना राम उम्र 58 निवासी ढाणी सेडूवाली वार्ड नंबर 1 नवलगढ़ हाल पंचायत समिति नीमकाथाना ने इस्तगासे के माध्यम से ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत मांकड़ी मनोज शर्मा एवं पंचायत समिति नीमकाथाना के कनिष्ठ अभियंता सुरेश कुमार धायल के खिलाफ नियम विरुद्ध कार्य की तकनीकी स्वीकृति जारी कर बिना कार्य के ही लाखों रुपए की सरकारी राशि का गबन करने का मामला नीमकाथाना की कोतवाली थाने में दर्ज करवाया है। संपत कुमार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पंचायत समिति नीमकाथाना के विकास अधिकारी लंबे समय तक अवकाश पर होने व पद रिक्त होने पर उनका कार्य भार भी देखना पड़ता है अर्थात अतिरिक्त चार्ज मेरे पास है। पंचायत समिति की कई शाखाओं में मेरी एसएसओ आईडी से पेंशन, जन आधार सत्यापन एवं पंचायत समिति के भुगतान भी होते हैं। मेरी एसएसओ आईडी से कई शाखाओं में कार्यरत कर्मचारियों को देकर उक्त कार्य संपन्न करवाए जाते हैं, जिसका उपयोग पंचायत समिति में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा आवश्यकता होने पर समय-समय पर किया जाता रहा है। कुछ समय से ग्राम पंचायत मांकड़ी में नियुक्त विकास अधिकारी मनोज शर्मा व पंचायत समिति नीमकाथाना में नियुक्त कनिष्ठ अभियंता सुरेश कुमार धायल छल, कपट पूर्ण व मिलीभगत कर मेरी एसएसओ आईडी का गलत उपयोग करते हुए नियम विरुद्ध कार्य की तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई, तथा ग्राम मांकड़ी में धांधली कर बिना कार्य के ही लाखों रुपए की सरकारी राशि का गबन किया गया। इस बाबत ग्राम मांकड़ी द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत किए जाने पर मेरे द्वारा 22 दिसंबर को टीम के साथ जांच करने पर पाया गया कि मेरी एसएसओ आईडी का गलत उपयोग लेकर नियम 21 तकनीकी स्वीकृति उक्त अधिकारी द्वारा जारी की गई है, जो उक्त 21 तकनीकी स्वीकृति मेरे द्वारा की जानी थी। किंतु उसके बावजूद भी उक्त व्यक्तियों द्वारा मेरे बिना स्वीकृति एवं आदेश के नियम विरुद्ध मेरी एसएसओ आईडी जारी कर दी गई, जिसकी लिखित सूचना ग्राम विकास अधिकारी मनोज कुमार शर्मा द्वारा दी गई है। तकनीकी स्वीकृति जारी करने से पूर्व कई दस्तावेज लेने लेने होते हैं जैसे प्रशासनिक स्वीकृति की प्रति, भूमि संबंधित दस्तावेज, कार्य से पहले की फोटो एवं प्रपत्र पांच आदि उक्त सभी दस्तावेज मेरे द्वारा प्रमाणित किया जाने के पश्चात एवं लिखित में देने के बाद भी मेरे द्वारा स्वीकृति जारी करनी होती है। लेकिन उक्त व्यक्तियों ने मेरे बिना जानकारी के स्वीकृति जारी कर लाखों रुपए गबन करने की कार्रवाई की है। मेरे कंप्यूटर सिस्टम को गलत रूप से अनाधिकृत तौर पर उपयोग कर ये सारे अनुचित कार्य किए हैं। इस बाबत मेरे द्वारा 23 जनवरी को थाना अधिकारी पुलिस थाना कोतवाली नीमकाथाना को मुकदमा दर्ज करने हेतु प्रार्थना पत्र पेश किया लेकिन थानाधिकारी द्वारा प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई। यह कि उक्त घटना की बाबत दिंनाक 23 जनवरी को एक रिपोर्ट पुलिस थाना कोतवाली नीमकाथाना में पेश की, किंतु 25 जनवरी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, जिस पर पुलिस अधीक्षक नीमकाथाना को प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया, उसके बावजूद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। पुलिस अधिकारियों को रिपोर्ट दिए जाने के बावजूद भी जब मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो मेरे को इश्तगासा पेश करना आवश्यक हुआ। क्योंकि मुलजिमों का यह कृत अपराध अंतर्गत धारा 420, 406, 409, 120 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 66,66 ए सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत दंडनीय अपराध है। न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या एक नीमकाथाना के जरिए 30 जनवरी को परिवादी संपत कुमार सैनी का परिवाद जरिए डाक द्वारा पुलिस थाना कोतवाली को मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया है।

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स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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