पशु क्रूरता का उल्लंघन करने वाले पशु मालिकों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी : संयुक्त निदेशक डॉ० छोटू लाल बैरवा,
– भीषण गर्मी को देखते हुए पशु मालिक पशुओं को दोपहर 12 से 3 बजे तक भार ढ़ोने के उपयोग में नहीं लेवे
(शिवराज बारवाल मीना)
टोंक|स्मार्ट हलचल/जिले में गर्मी एवं तापघात का प्रभाव तीव्र होने तथा लू के कारण पशुधन की उत्पादन एवं शारीरिक क्षमता प्रभावित हो सकती है तथा डिहाइड्रेशन, तापघात, दस्त इत्यादि से पशुधन हानि की संभावना है। जलवायु परिवर्तन के कारण प्रदेश में तापमान में अचानक वृद्धि हुई है एवं राज्य में गर्मी की लहर चल रही है। पशु मालिक द्वारा ट्टटू, खच्चर, बैल तथा ऊँट जैसे पालतु पशुओं को बिना पानी, भोजन एवं आराम के बिना चिलचिलाती गर्मी में भार ढ़ोने के कार्य में उपयोग लिया जा रहा है जो कि पशु क्रूरता की रोकथाम के नियम 1960 तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1965 की धारा 6 के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।
पशुपालन विभाग, टोंक के संयुक्त निदेशक डॉ० छोटूलाल बैरवा ने बताया कि राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड एवं जिला कलेक्टर टोंक ने पशु क्रूरता की रोकथाम के लिए निर्देश जारी किए है। संयुक्त निदेशक ने जीव जंतु कल्याण बोर्ड एवं जिला कलेक्टर के निर्देश पर पशु मालिकों को निर्देशित किया है कि वह अपने भारवाहक पशुओं को भीषण गर्मी के दौरान दोपहर 12 से 3 बजे तक भार ढ़ोने के कार्य के लिए उपयोग में नहीं लेवे। साथ ही, पशुओं को पर्याप्त मात्रा में ठंडा शुद्ध पेयजल, सुखा हरा चारा एवं कुछ मात्रा में दाना भी उपलब्ध करवाएं। भारवाहक पशुओं को सुबह एवं सायं काल में काम में लिया जाए तथा दोपहर के समय में आराम के लिए छोड़े। संयुक्त निदेशक डॉ० छोटूलाल बैरवा ने कहा कि कोई भी पशु मालिक पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1965 की धारा 6 की एवं धारा 1960 के उक्त प्रावधानों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।