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दहेज मांगकर पत्नी को खुदकुशी करने के लिए उकसाया , पति को मिली सात साल की सजा जुर्माने से दंडित

पुनित चपलोत

भीलवाड़ा । दहेज में दो लाख रुपये, दो किलो चांदी और दस तोला सोने की मांग कर पत्नी को खुदकुशी के लिए मजबूर करने के सात साल पुराने एक मामले में आरोपित पति प्रभुलाल बंजारा को सात साल की कैद और 15 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है। फैसला, विशिष्ट न्यायाधीश सुषमा शर्मा (महिला उत्पीडन प्रकरण) ने बुधवार को सुनाया। विशिष्ट लोक अभियोजक संजु बापना ने न्यायालय में दस गवाहों के बयान करवाते हुये 13 गवाह पेश कर प्रभु पर लगे आरोप सिद्ध किये।न्यायालय सूत्रों के अनुसार, बसेड़ी भाटी, नीमच निवासी सदाराम पुत्र किशन बंजारा ने 3 मई 2016 को बिजौलियां थाने में भोपतपुर। निवासी प्रभुलाल पुत्र दीपसिंह बंजारा सहित सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दी। सदाराम ने रिपोर्ट में बताया था कि आज से करीब 8 वर्ष पूर्व उसकी बहिन माना बाई उर्फ बन्या का नाता विवाह प्रभुलाल बंजारा के साथ किया था। इसके बाद बहन ससुराल आने-जाने लगी। माना ने एक बेटी को जन्म दिया जो अभी चार साल की है। आरोपित का व्यवहार माना के प्रति ठीक नहीं रहा। दहेज की मांग कर उसे आये दिन मारपीट कर घर से निकाल देते। 3 माह पहले मारपीट कर उसे बेटी सहित घर से निकाल दिया। तब वह छह माह से गर्भवती थी। माना को आरोपित ने धमकी दी कि दहेज के दो लाख रुपय नकद, दो किलो चांदी और दस तोला सोना लेकर ही वापस घर में आना नहीं तो पुत्री सहित जान से मार देंगे। इसके बाद माना, पीहर में रहने लगी। चार दिन पहले आरोपित माना को लेने आये। माना को गांव के मौतबिर लोगों व परिवारजन को बुलाकर उनके सामने बातचीत कर ससुराल भेज दिया। माना, अपने ससुराल भोपतपुरा में रहने लगी। दो मई 16 की रात आरोपितों ने माना। को दहेज नहीं लाने पर माना व गर्भस्थ शिशु की हत्या कर कुएं मे डाल दिया। इसकी सूचना भी पीहर वालों को नहीं दी। गांव के दो लोग शोक पत्रिका देने के लिए भोपतपुरा गये तब उक्त घटना की जानकारी मिली। उन दो लोगों ने परिवादी व परिवार को सूचना दी। इसके बाद वे, भोपतपुरा आये। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध धारा 498 ए और 306 भादस के तहत केस दर्ज किया था।बिजौलिया पुलिस सूचना पर मौके कर पहुंची और माना की लाश को कुएं से निकला कर बिजौलिया मोर्चरी भिजवाया, फिर पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव पीहर पक्ष को सुपुर्द कर दिया,मामले की जांच में सामने आया की आरोपित प्रभु माना को आए दिन दहेज की खातिर शराब पीकर मारपीट करता था,इससे परेशान होकर माना अपने पीहर चले गई थी फिर आरोपित वापस उसे अपने साथ ले आया , माना को ससुराल आए चार से पांच दिन ही हुए थे इतने में आरोपित प्रभु से फिर उसके साथ मारपीट और गलीगलोच करना शुरू कर दिया,इन सभी प्रताडनाओ से तंग आकर माना ने गर्भावस्था में अपने घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक खेत में बने कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी थी,पुलिस ने आरोपित को 27 जुलाई 2016 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर उसके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की थी। इस मामले में सुनवाई पूरी होने पर न्यायालय ने आरोपित को 7 साल की सजा और 15 हजार के जुर्माने से दंडित किया।

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