सहारनपुर।स्मार्ट हलचल|विगत 7 सितंबर को बाजोरिया रोड स्थित डॉ विकास तोमर के अस्पताल में नवजात की इलाज में चूक के कारण बच्चे की मौत पर परिजनों ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए चेतावनी दी यदि जल्द ही चिकित्सक के खिलाफ विभाग द्वारा कोई कार्यवाही ना की गई तो वो आंदोलन को विवश होंगे।जीपीओ रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मृतक नवजात के पिता मुनेश कुमार पुत्र ब्रिजपाल सिंह ने बताया कि की उनकी पत्नी ने 7 सितंबर को बच्चे को जन्म दिया था। जिसे बाजोरिया रोड स्थित डॉ विकास तोमर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में नवजात की लापरवाहीपूर्ण देखभाल और इलाज में चूक के कारण बच्चे की मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि जन्म के 24 घंटे के भीतर लगने वाले टीके नहीं लगाए गए। जब मुनेश ने इस संबंध में अस्पताल कर्मचारियों से पूछा तो उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला और बहस की गई। शिकायत की बात उठाते ही कर्मचारियों ने दबाव बनाकर बच्चे को डिस्चार्ज करने के लिए लिखित सहमति देने को कहा। बच्चे को घर ले जाते समय उसकी तबियत बिगड़ी और उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान नवजात की मृत्यु हो गई। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई एवं थाना जनकपुरी में एफआईआर दर्ज कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद इस मामले पर सीएमओ डॉ प्रवीण कुमार ने जांच समिति गठित की थी। डॉक्टर विकास तोमर ने अपने नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त करने के लिए सीएमओ को पत्र लिखा है। हालांकि, अभी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। जिस कारण उन्हें न्यायालय में जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा आरोपी चिकित्सक को अपना पूरा संरक्षण दिया जा रहा है, जिस कारण उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने आरोपी चिकित्सक द्वारा चलाये जा रहे अवैध अस्पताल की जांच की भी मांग की।
इस अवसर पर भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के राष्ट्रीय संचालक अजय बिरला, भारतीय किसान यूनियन के अमर त्यागी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।


