Homeराजस्थानकोटा-बूंदीकतरा कतरा जोडकर संकलित की गयी घीसा शब्द सागर पुस्तक का विमोचन

कतरा कतरा जोडकर संकलित की गयी घीसा शब्द सागर पुस्तक का विमोचन

कतरा कतरा जोडकर संकलित की गयी घीसा शब्द सागर पुस्तक का विमोचन
– हस्तलिखित भजन व विचारो का संग्रहण

-27 साल पहले का सपना हुआ साकार

– स्वामी के भक्तो मे उत्साह

लखन झांझोट

लाखेरी. स्मार्ट हलचल/27 वर्ष पहले देखा सपना एक पुस्तक के रूप मे साकार हुआ तो उनके भक्त भावविभोर हो गये।शहर के महावीर पुरा मे आयोजित एक कार्यक्रम मे घीसा शब्द सागर पुस्तक का विमोचन हुआ।स्वामी घीसाराम साहेब के हस्तलिखित भजनों ओर प्रवचनों को वैज्ञानिक तरीके से पठनीय बनाकर एक पुस्तक के रूप मे संग्रहित किया गया है। 27 वर्ष पहले जब स्वामी जी का लाखेरी में उन्होंने अपने भजन ओर विचारो को एक पुस्तक मे संग्रहण करने का सपना देखा था।बाद मे वे ब्रहमलीन हुए तो उनके शिष्य नारायण डांगोरिया व्यास बारां, मास्टर राधेश्याम तम्बोली ओर राजु तम्बोली ने इस सपने को साकार करने मे महत्वपुर्ण भुमिका निभाई।इस पुस्तक का संपादन मास्टर राधेश्याम तम्बोली ने किया है।

समाज को नये विचार प्रदान करेगी पुस्तक:-

स्वामी घीसाराम साहेब के शिष्य रहे ओर इस पुस्तक के संपादन मे विशिष्ट भुमिका निभाने वाले मास्टर राधेश्याम तंबोली ने बताया कि यह पुस्तक समाज मे फैली कुरीतियों के खिलाफ युवाओ ओर खासकर महिलाओ को लेकर नये विचार को जन्म देगी।स्वामी जी के विचार एक बार फिर जीवंत हो उठे है।उनकी शिक्षा समाज को नयी दिशा प्रदान करेगी ओर समाज को बुराईयों से दूर रखेगी।

ढाई साल मे तैयार हुई पुस्तक:-

स्वामी घीसाराम साहेब द्वारा हस्तलिखित भजन ,विचार ओर प्रवचन के कागज काफी जीर्ण शीर्ण हो चुके थे।उन्हे एकत्रित करने के साथ सरल भाषा मे संपादित करना बडी चुनौति थी।पहले हस्तलिखित बातो को वैज्ञानिक तरीके से शुद्ध कर स्वामी जी के लिखित भजनों विचारो को सरल भाषा मे संपादित किया गया।बडे लैंस से स्वामी जी के हस्तलिखित शब्दो को पढकर सरल भाषा मे लिपिबद्ध करने के बाद यह पुस्तक के रूप मे सबके सामने आ पाई।27 साल पहले स्वामी जी ने ही उनके विचारो ओर भजनों को लिपिबद्ध करने की इच्छा प्रकट की थी। मास्टर राधेश्याम तम्बोली ने बताया कि इस ग्रंथ के संग्रहण व लेखबद्धता में राजू लाल तम्बोली ने एक रचनात्मक भूमिका निभाई है

 

साहेब की प्रतिमा का अनावरण:-

संत शिरोमणि घीसाराम जी साहब की जयंती पर समाधि स्थल पर वाल्मीकि समाज के तत्वाधान में साहेब की मूर्ति स्थापना के साथ ऐतिहासिक सत्संग का आयोजन हुआ। इस दौरान प्रदेश भर से आए साहेब के भक्तों ने समाधि पर दीप प्रज्वलित कर पुष्प माला अर्पित की।इस अवसर पर नारायण डांगोरिया व्यास बारां, मास्टर राधेश्याम तम्बोली, राजु तम्बोली ने बताया कि साहेब समाज को शिक्षित बनना होते देखना चाहते थे, क्योंकि उनका मानना था कि एक शिक्षित व जागरूक व्यक्ति ही समाज को उन्नति के रास्ते पर ला सकता है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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