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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ विरोधियों के बदले स्वर- हर कोई अपने को हिन्दू साबित करने में लगा

Grand event of Ramotsav

अशोक भाटिया

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी , नवीन पटनायक , अरविन्द केजरीवाल सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि चुनावी लाभ के लिए अभी किया जा रहा है। पर जैसे – जैसे प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आती गई देश की जनता का मूड देख विपक्षी दलों के स्वर बदली हो गए और उनके दिल की धडकनें बढती गई । दरअसल वे पहले जनता के मूड को नहीं भांप पाए थे । उन्होंने डैमेज कंट्रोल करने कि कोशिश शुरू करदी पर तब तक तीर हाथ से निकल चूका था पर सभी ने किसी न किसी प्रकार से अपने को हिन्दू साबित करने की कोशिश की ।
और हुआ भी ऐसा जैसा अंदेशा था राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश में जश्न का माहौल गरमा गया । इस खास कार्यक्रम में कई हस्तियां शामिल हुईं थी । रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहे थे । जो इस अवसर के गवाह रहेंगे । करोड़ों लोगों ने इस एतिहासिक क्षण को टीवी पर सीधे प्रसारण के दौरान देखा ।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष अनुष्ठान में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अलौकिक क्षण बताया। उन्होंने इस दौरान विपक्षी दलों पर निशाना साधा। वहीं विपक्षी नेताओं ने भी अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग लिया और कई नेताओं का प्राण प्रतिष्ठा पर बयान भी आया। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों का नाम लिए बिना कहा कि वो भी एक समय था कि जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए। रामलला के मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का प्रतीक है।

तृणमूल कांग्रेस की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन कोलकाता में सर्वधर्म सद्भाव रैली निकाली। विभिन्न धर्मगुरुओं और पार्टी नेताओं के साथ उन्होंने ये रैली की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती। पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि सर्वधर्म सद्भाव रैली से पहले बनर्जी ने केवल कालीघाट मंदिर में पूजा-अर्चना की जो एक हिन्दू मंदिर है ।
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में आयोजित भंडारों में शामिल हुए । उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के इस पवित्र अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाईयां और शुभकामनाएं, जय सिया राम। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन आम आदमी पार्टी दिल्ली में शोभायात्रा निकाली ‘ इसके साथ ही आम आदमी पार्टी द्वारा विधानसभाओं में भंडारे का भी आयोजन किया गया ।इस मौके पर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने राम पूजन और हवन किया।
आप नेता दिलीप पांडे ने बताया कि लगभग सात जगह पर, 22 तारीख को शोभायात्रा निकाली गई है। इसके अलावा तीन विधानसभाएं ऐसी हैं, जहां पर फिर से सुंदरकांड का पाठ किया गया । करीब 16-17 विधानसभाएं ऐसी हैं, जहां सुंदरकांड और आरती के बाद फल प्रसाद वितरण का कार्यक्रम रखा गया था । दिलीप पांडे के अनुसार मुख्यमंत्री की प्रेरणा और निर्देश से देश की सबसे अच्छी रामलीला मंच 22 जनवरी को भी जारी रहेगा।
21 जनवरी को इस रामलीला को देखने खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहुंचे थे। इस मौके पर मंच से जय श्रीराम के नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, “आज इस मौके पर जब हम भगवान राम की भक्ति कर रहे हैं। हमें उनके जीवन से उनके विचारों से उनके शब्दों से प्रेरणा लेने की जरूरत है। एक तरफ भगवान राम से प्रेरणा लेनी है।”
इससे पहले जब मुख्यमंत्री केजरीवाल से प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने को लेकर पत्रकारों ने सवाल किया था, तो उन्होंने कहा था कि उनका एक लेटर आया था। उसके बाद हमने उनको फोन किया। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत रूप से निमंत्रित करने के लिए उनकी टीम आएगी, वो तो आई नहीं।उन्होंने कहा था कि मैं चाहता हूं कि अपनी धर्मपत्नी और बच्चों के साथ और मेरे माता पिता को भी बहुत चाव चढ़ा हुआ है कि हमें जाकर रामलला के दर्शन कराना हैं। अपने माता-पिता, धर्मपत्नी और अपने बच्चों के साथ मैं जाऊंगा। बाद में चले जाएंगे। एक बार ये 22 तारीख वाला हो जाए।केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के बुजुर्गों को अयोध्या में रामलला के दर्शन करवाने के लिए उनकी सरकार ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें चलवाएगी।
इस बीच कांग्रेस की कर्नाटक सरकार के मुख्यमंत्री एम . सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में ही एक राम मंदिर का उद्घाटन किया। वे बेंगलुरु के महादेवपुरा में सिद्धारमैया मंदिर के उद्घाटन समारोह में पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि मैं आज श्री रामचंद्र मंदिर का उद्घाटन किया है। इस इलाके को लोगों ने मुझे कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। इसलिए यहां आया हूं। हनुमान जी की एक बड़ी प्रतिमा भी यहां लगाई गई है। सिद्धारमैया ने कहा कि राम को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि श्रीरामचंद्र सबके हैं। वह केवल भाजपा के भगवान नहीं हैं। वह हर हिंदू के भगवान हैं।
बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव टेलीकास्ट टीवी के जरिए देखा। फोटो में उनके साथ पार्टी नेता वीके पांडियन भी दिख रहे हैं और उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर फोटो शेयर कर यह बात सार्वजानिक भी की ।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन कांग्रेस नेता भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले राहुल गांधी भी सोमवार को मंदिर पॉलिटिक्स करते दिखे। वह असम के बटाद्रवा मंदिर में जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन से इसकी मंजूरी नहीं मिली। ऐसा हुआ तो राहुल गांधी कांग्रेस के तमाम नेताओं के साथ सड़क पर ही बैठ गए। इस दौरान वह रघुपति राघव राजा राम गाते हुए दिखे। उनके साथ जयराम रमेश समेत कई सीनियर नेता यह भजन गा रहे थे। राहुल गांधी ने कहा कि आज देश में सिर्फ एक ही आदमी को मंदिरों में प्रवेश करने दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के नेता विक्रमादित्य सिंह निजी तौर पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में गए।
सोचने वाली बात यह है कि राम मंदिर न जाने के कांग्रेस के निर्णय को कई कांग्रेस वालों ने ही ठुकरा दिया । अयोध्या में रामलला विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा के बीच कांग्रेस के एक नेता ने राममंदिर निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया । उन्होंने यह भी कहा है कि यदि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री ना होते तो राममंदिर नहीं बन पाता। राममंदिर के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने वाले नेता हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने की वजह से कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना भी कर चुके हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और कहा कि उन्हीं की वजह से आज का यह शुभ दिन आया है। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘मंदिर का निर्माण अदालत के फैसले से हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया। भगवान श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। अब प्राण प्रतिष्ठा है। यह बात ठीक है कि मंदिर का निर्माण अदालत के फैसले से हुआ, लेकिन अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं होते, यदि उनकी जगह कोई और प्रधानमंत्री होता तो यह फैसला ना होता, यह मंदिर नहीं बन पाता। मैं रामंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के इस शुभदिन का श्रेय नरेंद्र मोदी को देना चाहता हूं।’ कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ‘सरकारें आईं, कितनी सरकारें आईं, कितने प्रधानमंत्री आए, विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस, बजरंग दल, संत-महात्माओं के बड़े बलिदान हैं। बड़ा लंबा संघर्ष है, लेकिन यदि मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं होते तो मंदिर का निर्माण नहीं हो पाता।’
एक और कांग्रेस नेता और सांसद दीपेंद्र हुड्डा भगवान श्रीराम की भक्ति के रंग में रंगे हुए नजर आए। उन्होंने हरियाणा में झज्जर के पटौदी में भगवान श्रीराम के मंदिर का उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा की।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अनुसार भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा जाता है और हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। जो लोग भगवान राम के दिखाए गए रीति, नीति और मर्यादा का पालन करते हैं, वे उनके सच्चे भक्त हैं। अखिलेश यादव ने 13 जनवरी को सोशल मीडिया मंच एक्‍स पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को लिखा एक पत्र शेयर करते हुए कहा था कि वह अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य जाएंगे। सपा की नेता डिंपल यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि जो करे मर्यादा का मान, उस हृदय बसे सियाराम, जय सियाराम।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के चीफ उद्धव ठाकरे नासिक के कालाराम मंदिर में महाआरती में शामिल हुए। उनके साथ इस दौरान उनकी पत्नी और बेटे आदित्य ठाकरे मौजूद रहे।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ था तब मैंने वीडियो संदेश के माध्यम से इसका स्वागत किया था। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है। वर्तमान में केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। इस कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन का दायित्व भाजपा सरकार पर है।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन नीतीश कुमार को भी बड़ा झटका लगा है। उनकी पार्टी में एक तरीके से भगदड़ मच गई है। पार्टी के प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह ने नीतीश कुमार से नाता तोड़ते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपना इस्तीफा पिछले साल दिसंबर में ही तैयार कर लिया था। लेकिन विशेष कारणों से 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर सार्वजनिक किया। सूत्रों के अनुसार वे जल्द ही भाजपा नेताओं से संपर्क कर सकते है ।
पहले प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते नज़र आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज़ाद भारत में ऐसा कौन सा प्रधानमंत्री हुआ जिसने हिंदुओं की बात को प्रखर रूप से रखा। उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि मीडिया ने हमें मोदी विरोधी बना दिया है। हम मोदी विरोधी नहीं है।

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