बीगोद में सूर्योदय से ही शुरू हुआ स्नान का सिलसिला, दीपदान से जगमगाया संगम तट
बीगोद।स्मार्ट हलचल।कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को प्रसिद्ध धार्मिक स्थल त्रिवेणी संगम पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान कर पुण्य अर्जित किया। अलसुबह ब्रह्ममुहूर्त से ही संगम तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और हर-हर गंगे, जय शिव शंकर के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
स्नान का यह शुभ अवसर बीगोद, मांडलगढ़, बूंदी, भीलवाड़ा, कोटा सहित आस-पास के इलाकों से आए भक्तों के लिए धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम बन गया।
स्नान के साथ पूजा-अर्चना और दीपदान
पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने संगम तट पर स्थित अतिप्राचीन शिवलिंग की विधिवत पूजा-अर्चना की। मंदिर परिसर में मंत्रोच्चार के बीच विशेष रुद्राभिषेक और आरती संपन्न हुई।
संध्या समय श्रद्धालुओं ने नदी में दीपदान कर आस्था की ज्योति प्रवाहित की। हजारों दीपों से जब त्रिवेणी संगम जगमगाया तो दृश्य अलौकिक प्रतीत हुआ।
समिति ने की व्यवस्थाएं, पुलिस ने संभाली सुरक्षा
मंदिर सेवा समिति द्वारा महास्नान के आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई थीं।
श्रद्धालुओं के लिए सफाई, पेयजल, रौशनी, मोबाइल शौचालय और दिशा-निर्देश पट्टिकाएं लगाई गईं।
संगम क्षेत्र में विशेष रूप से थाना प्रभारी जय सुल्तान अपनी टीम सहित तैनात रहे और लगातार गश्त करते रहे।
भीड़ को नियंत्रित करने और पार्किंग व्यवस्था बनाए रखने में स्थानीय स्वयंसेवकों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
आस्था का पर्व, पर्यावरण संरक्षण का संदेश
महास्नान के दौरान कई धार्मिक संस्थाओं और युवा मंडलों ने “स्वच्छ संगम, पवित्र स्नान” का संदेश देते हुए श्रद्धालुओं से प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की।
कई श्रद्धालुओं ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का स्नान मोक्षदायी माना गया है — इस दिन त्रिवेणी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
दीपों से सजा संगम, भक्ति में लीन श्रद्धालु
संध्या आरती के समय संगम तट पर जब सैकड़ों दीप नदी में प्रवाहित हुए तो वातावरण भक्तिमय हो उठा।
ढोल-नगाड़ों, भजनों और घंटानाद के बीच श्रद्धालु “हर हर महादेव” के जयकारे लगाते हुए देर रात तक भक्ति में लीन रहे।


