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4 बार प्रिलिम्स में फेल, 5वें प्रयास में क्रैक की यूपीएससी… मोड़ीकलाँ जैसे छोटे से गांव की पहली आईएएस अधिकारी बनी मृणालिका राठौड़

4 बार प्रिलिम्स में फेल, 5वें प्रयास में क्रैक की यूपीएससी… मोड़ीकलाँ जैसे छोटे से गांव की पहली आईएएस अधिकारी बनी मृणालिका राठौड़
हरसौर/स्मार्ट हलचल/सोमवार को यूपीएससी द्वारा घोषित आईएएस के रिजल्ट में जिले के छोटे से गांव मोड़ीकलाँ की मृणालिका राठौड़ (28) की 125वीं रैंक रही। मृणालिका के आईएएस बनने की कहानी किसी मिसाल से कम नही हैं। पहले 4 प्रयासों में वह प्रिलिम्स भी पास नही कर सकी थी। एक बार फिर पूरी मेहनत के साथ तैयारी की और इस बार यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक-125 हासिल कर इतिहास रच दिया। पिता नाथूसिंह जयपुर के सोडाला में निजी स्कूल चलाते हैं। एनजीओ में काम करते हुए मृणालिका ने यह मुकाम पाया हैं। जीवन में लोगों के बीच तर्क-वितर्क करते हुए जब उलाहना मिली कि… तू कोई कलेक्टर हैं क्या?
तभी से मृणालिका ने तय कर लिया कि वो हालात से हार नहीं मानेंगी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करेंगी।

चार बार फेल होकर भी नहीं टूटा हौसला-मृणालिका ने एनजीओ में जॉब करते हुए 2018 से लगातार 4 बार यूपीएससी की परीक्षा पास करने की कोशिश की, मगर वह असफल रही। मृणालिका इससे निराश नहीं हुई और उसने मिसाल बनने का फैसला किया। बचपन से ही पढ़ाई में तेज मृणालिका अंग्रेजी माध्यम की छात्रा हैं। अपने पिता की गीता आश्रम चिल्ड्रन स्कूल सोडाला से 8वीं की परीक्षा पास की। जयपुर के वैशाली नगर इलाके की ब्राइटलैंड स्कूल से 12वीं पढ़ते हुए वह सीबीएसई बोर्ड में जिला टॉपर रही। ग्रेज्युएशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में एडमिशन लिया। पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स में विशेष रुचि दिखाते हुए मृणालिका ने यूपीएससी का सफर तय किया।

परीक्षा से 2 माह पहले छोड़ी जॉब-मृणालिका ने भास्कर से विशेष बातचीत करते हुए बताया कि उसने जयपुर में घर पर बैठकर ही ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल जुटाकर सेल्फ स्टडी पर ही जोर दिया। कभी कोचिंग का सहारा नही लिया। एनसीईआरटी और दूसरी किताबों के जरिए उन्होंने अपने नोट्स तैयार किए। शुरुआत में ममता 2-3 घंटे की पढ़ाई करती थीं। लेकिन बाद में, धीरे-धीरे परीक्षा तक इसे 10-11 घंटे तक बढ़ा दिया। प्रिलिम्स में नाम आने के बाद मैन परीक्षा से 2 माह पहले ही उसने जॉब छोड़ दी थी।

हिंदी मीडियम में गाइडेंस की कमी-मृणालिका ने आईएएस परीक्षा में हिंदी मीडियम को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि हिंदी मीडियम में गाइडेंस की कमी हैं। कड़ी मेहनत एवं लक्ष्य निर्धारित किया जाए तो हिंदी मीडियम भी कोई चुनौती नही हैं।

गांव में खुशी की लहर-मृणालिका के पैतृक गांव मोड़ीकलाँ में जैसे
मृणालिका के आईएएस बनने की खबर पहुँची तो गांव में खुशी की लहर छा गई। चयन पर प्रधान जसवंत सिंह थाटा, सरपंच पार्वती देवी मातवा, पूर्व सरपंच शिवपाल सिंह मातवा, डॉ शिवकरण मातवा, मंगलसिंह राठौड़, हनुमान सिंह, बीडीओ भागीरथ सिंह लुनियास, रामेश्वरलाल शर्मा सहित ग्रामीणों ने प्रसन्नता जताई हैं।

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