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महाकाल के सन्मुख हुआ रामलला का शब्दों से ‘अभिषेक’

Mahakal & Ramlala

‘एक नाम जीवन तर जाए, वो ही श्री राम है’

उदयपुर, 23 जनवरी। स्मार्ट हलचल/अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर आयोजित हुए विविध आयोजनों की श्रृंखला में उदयपुर में ‘रामाभिषेक’ का आयोजन किया गया। इसके तहत महाकालेश्वर मंदिर पर सोमवार शाम महाकाल के सन्मुख शब्दों से ‘रामाभिषेक’ का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान राम पर आधारित काव्य पंक्तियों का रसास्वादन किया।

सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर एवं श्री महाकालेश्वर अन्न क्षेत्र यज्ञ सेवा समिति तथा स्वर्ण भूमि मार्बल उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में आयोजित इस अनूठे आयोजन में शहर के ख्यातनाम सनातनी गजल-गीतकार कपिल पालीवाल द्वारा सनातनी शैली में कविताओं और शेरो शायरी की प्रस्तुति दी गई।

पालीवाल ने ‘है आदर्श जो मर्यादा का, त्यागी जो बड़ा महान है, एक नाम जीवन तर जाए, वो ही श्री राम है’ पंक्तियों से अपनी एकल प्रस्तुति की शुरुआत की और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के वनवास, संघर्ष और आदर्शों पर सैकड़ों पंक्तियां प्रस्तुत की। उन्होंने अपनी कविता ‘कहां करूँ मैं विश्राम, तू ही बता हे राम’ के माध्यम से इस संसार के प्रपंचों को उजागर किया।
पालीवाल ने अपनी पंक्तियां ‘ था जो ज्ञानी , लेकिन अभिमानी…
,पापी वो कितना गहरा है…, एक बार मरे जले हर बरस..,पाप का दहन ही दशहरा है’ को प्रस्तुत करते हुए कहा कि हे राम, रोज दशहरा करवा दो,हर मन का रावण मरवा दो..।प्रस्तुत कर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। पालीवाल की हर एक प्रस्तुति पर मौजूद लोगों ने जमकर करतल ध्वनि की।

इस अवसर पर समाजसेवी व युआईटी के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, कश्ती फाउंडेशन की श्रद्धा मुर्डिया व नित्या सिंघल, आयोजन समिति के चंद्रशेखर दाधीच व हिम्मत सिंह चौहान, प्रस्तर शिल्पकार हेमंत जोशी, सुनील भट्ट, चित्रकार डॉ. चित्रसेन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

श्रीराम लला की रंगोली ने मन मोहा:

कार्यक्रम के दौरान युवा चित्रकार कमलेश डांगी द्वारा श्रीराम जन्मभूमि पर नवनिर्मित मंदिर की पृष्ठभूमि में रामलला की नव प्रतिष्ठित प्रतिमा की मनोहारी रंगोली ने सबको सम्मोहित कर दिया।

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