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ब्लास्टिंग से मकानों मे दरारे व नुकसान

ब्लास्टिंग से मकानों मे दरारे व नुकसान


एसीसी की खदानों मे होने वाली ब्लास्टिंग से थर्रा जाते है मकान,गिरने लगते है बर्तन



लाखेरी-राज्य सरकार के अवैध खनन के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को धता बताते हुए एसीसी अडानी सीमेंट फैक्ट्री आबादी के महज पचास मीटर दुरी पर ही इतनी तीव्रता से ब्लास्टिंग कर रही है कि राह चलते लोग भी सहम उठते है।एसीसी सीमेंट उद्योग की ओर से संचालित खदानों में ब्लास्टिंग से शहर की कई बस्तियों व मोहल्लों में कई मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। वहीं अनेकों मकानों की दीवारों में दरारें आ गई है। पूर्व में भी खदानों में ब्लास्टिंग के दौरान गरम पुरा में एक मकान की दीवार एवं वाल्मीकि बस्ती में एक मकान का छज्जा गिर चुका है।जिसमें जान मान की हानि होती होती बची है।दरअसल एसीसी सीमेंट फैक्ट्री द्वारा बस्तियों के अत्यधिक समीप चट्टाने फोड़ने के लिए ब्लास्टिंग की जाती है जिसका कंपन्न करीब 500 मीटर की दूरी तक तीव्र गति से होता है।ब्लास्टिंग की तीव्रता अत्यधिक होने के कारण खदान के आसपास की बस्तियों में बने मकानों में दरारे आ रही है। वहीं कहीं मकान तो धराशाई होने के कगार पर हैं। ब्लास्टिंग के धमाके को लेकर लोगों में भय बना हुआ है। खदानों में प्रतिदिन 3:00 बजे के बाद ब्लास्टिंग की जाती है। लोगों का कहना कि एसीसी सीमेंट उद्योग द्वारा करीब 5 वार्डो की आबादी क्षेत्र के समीप ब्लास्टिंग की जा रही है जिससे बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है। इसे तत्काल रोकना चाहिए। इस समस्या को पहले भी कई बार उठाया गया है लेकिन प्रशासन की मिलीभगत के चलते ठोस रूप से कार्रवाई नहीं हो पा रही है


ब्लास्टिंग से मकान धराशायी होने के कगार पर

एसीसी सीमेंट उद्योग द्वारा बस्तियों से महज 50 मीटर की दूरी पर ही खदानों में चट्टाने तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग की जाती है।इस ब्लास्टिंग की तीव्रता इतनी अधिक रहती है कि पूरे वार्ड में भूकंप जैसे झटके महसूस किए जा रहे हैं।खदानों में हो रही ब्लास्टिंग से शहर कि वाल्मीकि बस्ती,पंजाबी मोहल्ला,गरम पूरा,विजय गेट,तंबोल खाना,नया बाजार सहित कई बच्चियों के मकानों की दीवारों में दरारें आ गई जबकि कई मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।ब्लास्टिंग के दौरान होने वाले कंपन के तीव्रता का पता इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वाल्मीकि बस्ती में घरों की अलमारी में रखे बर्तन नीचे गिर जाते हैं।तथा कई बार तो छत पर लगे पंखे एवं मकानों के प्लास्टर तक गिर चुके है।बस्ती वासियों का कहना है कि पिछले करीब 4 वर्षों से ब्लास्टिंग की समस्या से जूझ रहे हैं। लेकिन समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो पा रहा है।


शिकायत के बावजुद भी कोई एक्शन नही

शहर वासियों ने प्रशासन पर मिलीभगत का संदेह जताते हुए बताया कि पूर्व में कई बार ब्लास्टिंग से संबंधित विरोध व शिकायत कर चुके हैं। लेकिन ठोस रूप से कार्रवाई नहीं हो पाती है कुछ दिनों के लिए ब्लास्टिंग बंद कर दी जाती है लेकिन कुछ समय बाद पूर्ण दुबारा शुरू कर दी जाती है। उक्त समस्या काफी समय से बनी हुई है।जिसको लेकर प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद भी प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की पहल नहीं होने से शहरवासियों में रोष व्याप्त है।

“बस्तियों के समीप ब्लास्टिंग को लेकर मामला जानकारी में आया है, टीम गठित कर जांच करवाकर नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी,,

( कैलाशचंद गुर्जर उपखंड अधिकारी लाखेरी)

“हाल ही में पद भार ग्रहण किया है, मामला जानकारी में आया है, मौका देखकर नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी,,

(राजेंद्र, माइनिंग इंजीनियर, कोटा)

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