Homeभीलवाड़ान आरजीएचएस की सुविधा और ना ही आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति

न आरजीएचएस की सुविधा और ना ही आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति

25 साल की सेवा : नियमित ना 17 हजार से अधिक मानदेय

प्रदेश के वरिष्ठ शिक्षा कर्मियों, सामान्य शिक्षाकर्मियों और पैरा टीचर्स की पीड़ा

अविनाश चंदेल
बदनोर। उपखण्ड के पीओ बाजुंदा, चैनपुरा, रायपुरा, पाटन, बदनोर के पैराटीचर कों लगभग चोदह माह से मानदेय नहीं मिल रहा हैं, ब्लॉक अध्यक्ष राधेश्याम मेघवंशी ने बताया की लक्ष्मण सिंह, ईश्वर लाल, रूप लाल मेघवंशी, अंजु भट, विमला खटीक, लीला चौहान का भुगतान नहीं मिल रहा जबकि शासन सचिव जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पैराटीचर कों भुकतान 14/04/2022 के आदेश के अनुसार पुर्व अनुभव के 51600रूपये राशि नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड रहा हैं,आदेश निकलने के बाद भी भुगतान नहीं मिल रहा हैं हमने कई बार मुख्यशिक्षा अधिकारी कों ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन किसी भी प्रकार से हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं, वर्ष 1999 से सामन्य मानदेय पर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने वाले पैरा टीचर्स, शिक्षा सहयोगी और शिक्षाकर्मियों को नियमित करने का इंतजार अब तक इंतजार ही बना हुआ है। वर्ष 2022 में बिल पास हुआ तो उम्मीद जगी कि वंचित वर्ग को हक मिल सकेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दूर-दराज के क्षेत्रों में शिक्षा पहुंचाने वाले शिक्षाकर्मी और पैरा टीचर्स ‘स्क्रेनिंग कमेटी’ में ही उलझे रहे। गौरतलब है कि वर्ष 2022 के अन्तर्गत कनिष्ठ शिक्षक और शिक्षा सहायक नाम दिए जाने के बाद उक्त पदों के कार्मिकों को निम्नानुसार सेवा अवधि पूर्ण करने पर उच्चतर पारिश्रमिक एवं पदनाम दिए जाने की सहमति अप्रेल 2023 में प्रदान की गई थी। इसके तहत कनिष्ठ शिक्षक और शिक्षा सहायक जिन्हें नौ वर्ष का अनुभव प्राप्त हैं, उनका मासिक पारिश्रमिक 29,600 रुपए और कनिष्ठ शिक्षक और शिक्षक, जिनके निर्धारित 18 वर्ष की संविदा अवधि पूर्ण करने पर मासिक संशोधित पारिश्रमिक 51600 रुपए पंचायत करने का आदेश पारित किया, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। आदेश के बाद भी कई शिक्षाकमी 25 साल से अधिक विभाग की सेवा कर खाली हाथ ही सेवानिवृत हो गए। निदेशालय ने प्रथम आदेश पारित किया है कि 9 वर्ष और 18 वर्ष प्राप्त मानदेय में दो वार्षिक वृद्धि जोड़ कर निर्धारित करने की सहमति दी, जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। न उन्हें आजीएचएस की सुविधा है और न आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ ही देय है। हकीकत यह भी
गत 21 अक्टूबर 2022 को पाठशाला सहायक पद पर समायोजित करके न्यूनतम मानदेय 10400 रखा गया। इसके बाद 14 अप्रेल 2023 को आदेश कर अनुपालना में योग्यताधारी कार्मिकों को संशोधित पद नाम कनिष्ठ
शिक्षक और न्यूनतम मानदेय 16900 प्रतिमाह रखा गया। यह मानदेय संरक्षित की श्रेणी में नही आता है। बदले तो सिर्फ नाम, न कि मानदेय शिक्षा विभाग में लंबे समयावधि के बदनोर उपखण्ड क्षेत्र के पंचायत सहायक शिक्षा कर्मी और पैराटीचर के केवल नाम बदले गए हैं। हकीकत यह है कि 29000 और 51.600 रुपए वाले मानदेय निकट नहीं आने दिया गया। इस मानदेय से वंचित रखने के लिए मानदेय को संरक्षित किया गया और संविदा कानून 2022 के पूर्व की सेवाको शून्य मानी गई है। उनकी सेवा गणना 9, 18 की कुल सेवा में सम्मिलित नहीं किया। क्या स्क्रेनिंग कमेटी संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए जिला स्तर पर प्री स्क्रीनिंग जिला स्तरीय समिति और प्रदेश स्तर पर प्री स्क्रीनिंग प्रदेश स्तरीय समिति का गठन किया, जिला स्तर पर काम पूरा हो गया। प्रदेश स्तर पर यह कार्य आज तक आज तक नही हुआ । सचिवालय में फाइल अटकी पड़ी हैं। प्रदेश में यह है स्थिति 1764 वरिष्ठ शिक्षाकर्मी 2048 सामान्य शिक्षाकर्मी 3886 पैरा टीचर्स बदनोर में स्थिति 6 पैराटीचर शिक्षाकर्मी संविदा नियम के नाम पर उचित नहीं हुआ है। सरकार ने भी करीब 6000 फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए। मानदेय के नाम पर छलावा ही हुआ है।

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