लड़कीयो की शादी होने पर धोक के साथ चनकिया भी चढानी पडती है गोरा भेरू नाथ के
गुरलाँ । शारदीय नवरात्र महापर्व पर गुरलाँ स्थित गौरा भैरू नाथ के मंदिर में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष बच्चे नित्य पहुंच कर गौरा भैरूनाथ को पुष्प अगरबत्ती प्रसाद चढ़ाने पहुंच रहे सुबह ब्रह्म मुहूर्त से मंदिर में पुरुष महिलाएं बच्चे मन्दिर में दर्शन हेतु आने लग जाते है सुबह से ही भैरूनाथ का पूजन अर्चन प्रारंभ हो जाता हैं भैरूनाथ मंदिर में नव रात्रि के उपलक्ष्य में नित्य जगराता भजन संध्या आदि अनेक पारंपरिक कार्यक्रमो का आयोजन मंदिर समिति द्वारा कराया जाता है व गोरा भेरूनाथ की आरती में तो विशाल जन समूह की उपस्थिति देखते ही बनती है मंदिर के समीप लगी दुकानो से रोज श्रद्धालु जन प्रसाद पुष्पमाला खरीदारी करते हैं। नगर पूर्ण रूप से शारदेय नवरात्र प्रारंभ होते ही धर्म मय हो गया मन्दिर में शंख के साथ झांझर मंजीरा की दिव्य ध्वनि सहित पूजन अर्चन करते देखे जा रहे हैं। मन्दिर को सजाया गया
*पोलियाजी का स्थान का महत्व*
गोरा नाथ के साथ ही सामने ही पोलियाजी का स्थान पर भी श्रद्धालु धोक जरूर लगाते हैं ।
*मान्यता विवाह पर चनकिया चढ़ा कर जोडे की धोक लगाते*
भैरूनाथ गांव या आसपास के गांव की कुवांरी लडकिया मन्दिर में आने पर जब भी विवाह होता है तो इन्हें भैरूनाथ के चनकिया चढ़ाया पडती है । नाथु लाल कीर ( भोपाजी) बालू लाल कीर, लादू लाल दरोगा, रतन लाल दरोगा,शंकर लाल माली, उदय लाल कीर, भवानी राम कीर,लोभचन्द कीर ,रतन लाल माली आदि भक्त भेरू नाथ के मन्दिर में नवरात्रि में रहते हैं ।
*दर्शनीय स्थल के रूप जाना जाता*
गुरलाँ हाइवे 758 के किनारे पर स्थित है और बरगद का बड़ा पेड़ साथ ही रणजीत सागर तालाब की पाल व चादर यह देख सकते हैं साथ ही राजनैतिक व गैर राजनैतिक कार्यक्रम में भी इस स्थान का प्रयोग किया जाता है ।