पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट से सांसद बनने वाले प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ दूसरा लुक आउट नोटिस जारी हो गया है। प्रज्वल के सेक्स स्कैंडल में रोज नए राज खुल रहे हैं। वहीं कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर खास अपील की है।
राहुल ने लिखा पत्र
गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, मैं आपसे (सिद्धरमैया) अनुरोध करता हूं कि कृपया पीड़िताओं को हरसंभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने कहा, वे हमारी करुणा और एकजुटता की पात्र हैं क्योंकि वे न्याय के लिए अपनी लड़ाई लड़ रही हैं। यह सुनिश्चित करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है कि इन जघन्य अपराधों के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को सजा दी जाए। संबंधित घटनाओं को ‘‘भयावह यौन हिंसा’’ करार देते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि प्रज्वल रेवन्ना ने बीते कई वर्षों में सैकड़ों महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया और उनका वीडियो बनाया। गांधी ने कहा, उनमें से कई महिलाएं, जो उन्हें भाई और बेटे के रूप में देखती थीं, उनके साथ भी हिंसक तरीके से क्रूरता की गई और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई।
राहुल गांधी ने लिखा पिछलो दो दशकों में मैंने ऐसा कभी नहीं देखा कि बड़े राजनेता महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर चुप रहते हैं। हरियाणा में पहलवानों के धरना प्रदर्शन से लेकर मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी ने चुप्पी साध रखी थी। हालांकि माताओं और बहनों के न्याय के लिए लड़ना कांग्रेस पार्टी का कर्तव्य है। कर्नाटक सरकार ने पहले ही SIT का गठन कर दिया है। मैं प्रधानमंत्री से गुजारिश करता हूं कि प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट रद्द किया जाए और उन्हें जर्मनी से भारत वापस बुलाया जाए।
हमारी माताओं और बहनों से दुष्कर्म के लिए सबसे सख्त सजा दिए जाने की आवश्यकता है। कांग्रेस नेता ने कहा, मुझे यह जानकर गहरा सदमा लगा कि दिसंबर 2023 में जी देवराजे गौड़ा ने प्रज्वल रेवन्ना की हरकतों, विशेष रूप से उनके यौन हिंसा के इतिहास और वीडियो के बारे में हमारे गृह मंत्री अमित शाह को बताया था। उन्होंने कहा कि इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं को इन वीभत्स आरोपों की जानकारी थी लेकिन इसके बावजूद मोदी ने एक ‘‘बलात्कारी’’ के लिए प्रचार किया। गांधी ने कहा, इसके अलावा केंद्र सरकार ने जानबूझकर रेवन्ना को भारत से भागने दिया ताकि जांच को नुकसान पहुंचाया जा सके।