Homeभीलवाड़ाश्री बाणमाता शक्तिपीठ: कलश स्थापना एवं 108 कुण्डीय सहस्त्रचण्डिय महायज्ञ का आयोजन...

श्री बाणमाता शक्तिपीठ: कलश स्थापना एवं 108 कुण्डीय सहस्त्रचण्डिय महायज्ञ का आयोजन 9 से 15 अप्रैल 2024

Shri Banmata Shaktipeeth

मांडलगढ़ @ स्मार्ट हलचल/श्री बाणमाता शक्तिपीठ के यहां नवनिर्मित मंदिर कलश स्थापना एवं 108 कुण्डीय सहस्त्रचण्डिय महायज्ञ का आयोजन 9 से 15 अप्रैल 2024 को किया जाना निश्चित किया गया। भव्य आयोजन को लेकर विभिन्न कमेटिया अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभा रही है। सम्पूर्ण क्षेत्र के भक्तो में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है ।
श्री बाणमाता शक्तिपीठ प्रबंध एवं विकास संस्थान के तत्वाधान में नवनिर्मित मंदिर पूर्णाहुति, कलश स्थापना एवं 108 कुंडीय सहस्त्रचंडीय महायज्ञ का आयोजन 9 अप्रैल से 15 अप्रैल 2024 तक किया जाना निश्चित है । इसको लेकर विभिन्न तैयारीयो को जोरशोर से पूरा किया जा रहा है। महायज्ञ आचार्य बनोड़ा बालाजी, सहायक आचार्य पण्डित साँवर मल शर्मा के सानिध्य में होगा जिसके तहत अभी प्रतिदिन एक कुंडीय यज्ञ का आयोजन जारी है। संस्थान महामंत्री अमित जोशी ने बताया कि महायज्ञ में 108 कुंडो पर जोड़ा बैठने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रारंभ कर दिया जिसमें प्रतिदिन प्रति जोड़ा घी के लिए 3100 रुपये, शाकल्य के लिए 1500 रुपये, वहीं 7 दिन बैठने वाले जोड़ों से घी के लिए 17000 रुपये एवं शाकल्य के लिए 9000 रुपये जमा करवाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अर्थ संग्रहण के लिए प्रत्येक गांव तक प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं। कोषाध्यक्ष प्रत्येक रविवार को बाणमाता कार्यालय पर संग्रहित अर्थ व रसीद बुक भक्तजन जमा करवा सकते हैं। रविवार को कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल धाकड़, व्यवस्थापक घीसू सोनी, कैलाश चंद्र धाकड़, खाना धाकड़, सत्यनारायण सुथार, रमेश धाकड़, राजू लाल मीणा, बलवीर सिंह, हरिलाल जाट, गणपत सिंह, भगवत सिंह, सहित भक्तजन, गणमान्य लोगो ने व्यवस्थाओ पर चर्चा की।

यह रहेगा कार्यक्रम
श्री बाणमाता शक्तिपीठ मंदिर स्वर्ण कलश प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत प्रतिदिन दैनिक श्रृंगार पूजन, अर्चन एवं आरती दर्शन प्रातः 7 बजे से रात्रि 12 बजे तक, श्री दुर्गापाठ सहस्त्र चंडी एवं हवन प्रातः 8 बजे से 5:30 तक, रात्रि कालीन भजन संध्या एवं धार्मिक कार्यक्रम रात्रि 8:30 बजे होगा। नवरात्र स्थापना एवं यज्ञ जल यात्रा, हिमाद्री मंडप प्रवेश, पंचांग पूजन 9 अप्रैल प्रातः 9:15 बजे, देव पूजन, अग्नि स्थापना, देवताओं का आह्वान 10 अप्रैल प्रातः 9:15 बजे, कलश अभिषेक महाआरती जागरण 14 अप्रैल, मंदिर स्वर्ण कलश प्रतिष्ठा, भेरुजी मूर्ति स्थापना, पूर्णाहुति एवं प्रसाद वितरण 15 अप्रैल अभिजीत मुहूर्त में संपन्न होंगे। नवरात्रा पूर्णाहुति 17 अप्रेल को पाती विसर्जन के साथ होगी।

RELATED ARTICLES