राजा मुचकन्देश्वर की धारा नगरी में श्री श्याम मंदिर प्रांगण में श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ
महेंद्र कुमार सैनी
स्मार्ट हलचल/नगर फोर्ट तहसील कस्बे श्री श्याम मंदिर प्रांगण में शुक्रवार को श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। श्याम शाखा परिवार समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सुवालका ने बताया की प्रात: 10.30 बजे कस्बे के कचहरी चौक के चारभुजा नाथ प्रांगण से भागवत कलश यात्रा में श्री श्री 1008 संत रामदास जी महाराज,व पंडित अनिरुद्ध मुरारी, के सानिध्य के साथ प्रारंभ होकर मेंन बाजार व
राजा मुचकन्देश्वर मुख्य मार्ग से होते हुए कथा पंप हाउस के पास श्याम मंदिर परिसर में पहुंची। भक्तजनों एवं माता-बहनों ने उत्साह से नाचते गाते भागवत पोथी के सात कथा पंडाल में विराजमान किया। श्रीमदभागवत कथा के मुख्य यजमान अंजनी शर्मा (गुरजी) की ओर से परिजनों सहित भागवत पोथी एवं कलश धारण करने का लाभ प्राप्त किया। प्रथम दिन की कथा प्रारंभ करते हुए चित्रलेखा दीदी ने भागवत कथा के महात्म्य को बताते हुए कहा कि भागवत कथा प्रभु की वाणी है। श्रीमद भागवत कथा सुनने से हमारे जन्मों के पाप नष्ट हो जाते है। और इसको सुनने से मन में आध्यात्मिक विकास होता है। और जहां अन्य युगों में मोक्ष की प्राप्ति करने के लिए कड़ी मेहनत और परिश्रम करनी पड़ती थी वहीं कलयुग में श्रीमद भागवत कथा सुनने मात्र से मुक्ति मिल जाती है। और उसके अंदर का सोया हुआ ज्ञान और वैराग्य सब वापस आ जाते है। भागवत कथा उस कल्पवृक्ष के समान हैं जो हमारी इच्छाओं की पूर्ति कर देता है। सत्संग और कथा के माध्यम से ही तो मनुष्य भगवान के चरणों में पहुँचता है।
सभी श्याम प्रेमियों ने चित्रलेखा जी का आज श्याम परिवार ने बड़ी धूम धाम से जन्मदिन मनाया एंव रतलाम से आये नानी बाई को मायारा कथा वाचक अनिरुद्ध मुरारी ने अपनी मधुर वाणी से सभी भक्त जनों को खूब रिझाया कार्यकम मे संस्था अध्य्क्ष सुरेंद्र सुवालका, श्री श्याम सखा संस्थान खाटु के संरक्षक राजू खंडेलवाल निवाई, संस्था प्रमुख जगदीश साहू , उनियारा श्याम परिवार के उपाध्यक्ष कमलेश गौतम, अश्वनी सुवालका सचिव ,हेमराज धाभाई, पारस गर्ग,परमानंद मिश्रा, विनोद बिहारी, गिरिराज जिंदल, महावीर गोयल देई,विजय चतुर्वेदी कोटा, शैलेंद्र टोंक, मुकेश बंसल, रघुवेंद्र सिंह,संजय सोनी, सुरेन्द्र गुर्जी सहित श्याम परिवार टोंक, सवाई माधोपुर, कोटा, उनियारा, देवली, दई, नेनवा सहित सभी जगह से श्याम परिवार व भागवत कथा में सैकड़ों भक्त उपस्थित थे।