Homeराजस्थानकोटा-बूंदीनिर्माण स्वीकृति थी सरकारी कोर्ट छोड़ने की, उसी पर चढ़ा दी बिल्डिंग

निर्माण स्वीकृति थी सरकारी कोर्ट छोड़ने की, उसी पर चढ़ा दी बिल्डिंग

निर्माण स्वीकृति थी सरकारी कोर्ट छोड़ने की, उसी पर चढ़ा दी बिल्डिंग

शहर के खोजा गेट रोड़ स्थित सरकारी कोर्ट को खुर्दबुर्द्ध करने का चर्चित मामला, प्रशासन ने नही करवाई एफआईआर।

बून्दी।स्मार्ट हलचल/शहर के खोज गेट रोड़ पर गत वर्ष अवैध निर्माण कर्ताओ के द्वारा गर्ल्स स्कूल से सटे प्राचीन कोर्ट (सरकारी दीवार) को खुर्दबुर्द्ध करने के मामले में कोई कार्यवाही नही होने से इन के हौसले इतने बुलन्दी पर आ गए कि इन्होंने सरकारी फरमान की धज्जियां उड़ाते हुए प्राचीन कोर्ट पर ही कब्जा कर अवैध रूप से निर्माण कर लिया। सत्ता के नशे में चूर इन अवैध निर्माण कर्ताओ ने नगर परिषद द्वारा जारी की गई उस निर्माण स्वीकृति की घोर अनदेखी की जिसमे इस शर्त पर ही परमिशन दी गई थी के भविष्य में यहां अगर निर्माण होता है तो प्राचीन कोर्ट (सरकारी दीवार) छोड़कर ही किया जा सकता है। लेकिन इन निर्माण कर्ताओ ने कुछ नेताओं और अधिकारियों से मिलीभगत कर या यूं कहें मोटी रकम पहुँचाकर अवैध रूप से निर्माण कर लिया है। वर्तमान में यह व्यवसायिक भवन का निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है। मिलीभगत के इस खेल में नगर परिषद के वह अधिकारी ज्यादा दोषी है जिन्होंने इस कार्य के लिए निर्माण स्वीकृति जारी कर इस बात पर बिलकुल भी ध्यान नही दिया कि बिल्डिंग का निर्माण प्राचीन सरकारी कोर्ट छोड़कर ही किया जा रहा है या नही?

दोषी निर्माणकर्ताओ और नगर परिषद के अधिकारियों पर दर्ज हो एफआईआर

नगर परिषद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त निर्माण कार्य की शुरुआत में निर्माण कर्ताओ के द्वारा एक पुराने भवन को खरीदकर यहा व्यवसायिक भवन के लिए खुदाई का काम शुरू किया था। इसी बीच भवन से सटे प्राचीन कोर्ट को तोड़कर निर्माण किया जा रहा था। उस समय शहर के कुछ जागरूक लोगो ने इसका विरोध किया और मामला मीडिया से प्रशासन के संज्ञान में आया तो तत्काल प्रभाव से इसे बंद करवा दिया गया। कुछ दिन तो यह कार्य बंद रहा लेकिन कुछ समय बाद नगर परिषद की निर्माण स्वीकृति के बाद फिर से शुरू हो गया। हालांकि निर्माण स्वीकृति में यह स्पष्ट लिखा था कि प्राचीन कोर्ट (सरकारी दीवार ) को छोड़कर ही निर्माण करवाया जावे। लेकिन इन निर्माण कर्ताओ ने इस आदेश के विपरित जाकर प्राचीन कोर्ट पर ही निर्माण करते हुए बिल्डिंग ऊपर चढ़ा ली। शहरवासियों का कहना है कि सरकारी प्राचीन कोर्ट को खुर्दबुर्द्ध करने वाले लोगो के विरुद्ध जिला प्रशासन और नगर परिषद के द्वारा मुकदमा दर्ज करवाना चाहिये। इसके अलावा मामले की जांच करवाकर उन अधिकारियों पर भी कार्यवाही होना चाहिये जिनके संरक्षण में यह अवैध रूप से सरकारी कोर्ट को कब्जाने का प्रयास किया गया है।

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