इफको मैनेजर द्वारा नजदीकी लोगों को लाभ पहुँचाने के लिए निवाई के प्राइवेट डीलरों को खाद वितरण का आरोप
स्मार्ट हलचल टोंक/टोंक जिले में यूरिया,डीएपी उर्वरक के साथ जबरदस्ती किसानों को नैनो यूरिया,नैनो डीएपी सल्फर,जिंक सारिका आदि अनचाहे उत्पादों को दिये जाने के विरोध में दर्जनों किसानों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर सत्याग्रह किया।क्योंकि पहले ही किसानों की कमर तो अतिवृष्टि ने तोड़ दी अब पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिए भी हजारों लाखों रुपये खर्च करने पड़ेंगे।फिर अगली फसल लेने के लिए किसानों को सावकारों से पैसा उधार लेकर की फसल तैयार करेंगे।रोचक बात तो यह है कि खरीफ फसल को बेचकर यूरिया,डीएपी उर्वरक लिया करतें थें।अगली फसल के लिए किसानों के पास पैसे भी नहीं है ऐसी स्थिति में किसानों से 5 कट्टे यूरिया पर नैनों यूरिया देकर 225 रूपये अनावश्यक वसूलें नैनों डीएपी के नाम पर 650 रूपये वसूलें जा रहे। यदि नैनों यूरिया एवं नैनों डीएपी किसी व्यापारी के पास खत्म हो जाता है तों महंगे उत्पादों जिंक सारिका लेने के बाद ही दानेदार उर्वरक मिलता है।
किसान गोपी लाल जाट 20 कट्टे यूरिया के लेने आया तो टोंक के ही उर्वरक विक्रेता द्वारा 20 कट्टे पर 4 नैनों 1000 रुपये एक्स्ट्रा खर्च करना पड़ता है।किसान के साथ जबरदस्ती कोई करता है तो संविधान में उसके लिए भी प्रावधान है परंतु कृषि विभाग किसी भी व्यापारी को दंडित करने को तैयार भी नहीं है दो दर्जन किसानों को यूरिया 333 बैग तथा डीएपी के 100 बैग की आवश्यकता है यह किसान अपने ट्रैक्टर साथ लेकर गांवों से शहर तक पहुंचें।ट्रैक्टर कोर्ट परिसर की तरफ खड़े हैं सुबह से ही किसान ट्रैक्टरों को लाकर टोंक के विक्रेताओं की दुकानों पर भटक कर जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में सत्याग्रह आरंभ करना पड़ा।जिस दूकान पर गये वहां टेगिग अलावा उर्वरक नहीं दिया जा रहा है यह सत्याग्रह तब तक चलेगा जब तक किसानों को बिना टैगिंग यूरिया डीएपी नहीं दिया जाता है।किसान महापंचायत ने मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया है जिसमें उत्पादकों द्वारा कालाबाजारी, मुनाफाखोरी आदि बंद करने की मांग की है।जीएसएस, केवीएसएस पर खाद दिया जाए खाद कम्पनियों के बजाए कृर्षि अधिकारियों की मौजूदगी में खाद का विरतण किया जाए।सत्याग्रह के दौरान किसान राधेश्याम जाट,हीरालाल जाट,सोहन पाल गुर्जर,बद्री पटेल,श्रीराम दोड़वाडी,रमेश ठुकराण,छोटूलाल, श्योराज गुर्जर सहित दो दर्जन किसान मौजूदरहे।