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तसई गांव की दस हजार की आबादी पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर, आरओ प्लांट भी है बंद

साढ़े तीन करोड़ की जल जीवन मिशन योजना भी हुई रिवाइज

 दिनेश लेखी

कठूमर । स्मार्ट हलचल ।पंचायत समिति का सबसे बड़े गांव तसई के दस हजार से अधिक वाशिंदे पिछले कई सालों से मीठे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के पास स्थित आर ओ प्लांट भी चालू नहीं है। जिसके कारण ग्रामवासियों को मीठे पानी के लिए चार सौ से पांच सो रूपए का टैंकर या चालीस रुपए प्रति ड्रम डलवा कर पानी की पूर्ति करनी पड़ रही है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत तसई में करीब दो वर्ष पहले तीन करोड़ पचास लाख रुपए की लागत से जेजे एम योजना स्वीकृत हुई थी लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से काम  शुरू नहीं हो सका। अब इस योजना को दुबारा रिवाइज के लिए भेजा गया है। कुल मिलाकर तसई गांव का घर घर नल का सपना अभी सपना ही है। आर ओ प्लांट को भी लगे वर्षो हो गये है। और आरओ प्लांट के पास महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल व पीएम श्री राउमावि तसई केएक से कक्षा आठ तक के छात्र भी अलग भवन में अध्ययनरत हैं। लेकिन दोनों स्कूलों के तीन सौ को पानी नहीं है। और महात्मा गांधी स्कूल के प्रधानाध्यापक शब्बीर खान अपने स्तर पर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि करीब पांच साल पूर्व गांव में कई लोगों के निजी समरसबिल लगी हुई थी और गांव के लोग आपसी सहभागिता से पानी की पूर्ति कर लिया करते थे। लेकिन बाद में पानी गहराई में चला गया और स्वाद भी खारा हो गया। और धीरे धीरे सभी समरसबिल पानी के अभाव में बंद होती चली गई।गांव में पानी का संकट गहरा गया। बाद में करीब एक दर्जन से ज्यादा टैंकरों के माध्यम से पानी की पूर्ति होने लगी।
गांव के उदय कोली, सतीश खंडेलवाल, हरवीर चौहान, अवधेश शर्मा,आदि बताते हैं कि पानी की कमी को देखते हुए गांव में पश्चिमी राजस्थान की तरह घरों में पानी के टांके बने हुए हैं और रोजाना टांकों का निर्माण किया जा रहा है। जो टांके बनबाने में सक्षम नहीं है, वे ड्रम इत्यादि में रोज पानी भरते है।

इनका क्या कहना

गांव में पानी की बड़ी समस्या है, टेंकरो से पानी की पूर्ति करनी पड़ रही है।  घरों में टांके बनवाकर पानी का स्टाक करना पड़ता है।
ओमप्रकाश चौहान निवासी खटिया मौहल्ला

 

तसई विधानसभा का सबसे बड़ा गांव होने के बाबजूद भी यहां पीने के पानी का संकट बना हुआ है। रोजाना सुबह पानी का इंतजाम करना पड़ता है।  प्रति टैंकर पांच सौ रुपए या फिर एक ड्रम के चालीस रुपए देने पड़ते हैं। तब जाकर पानी की पूर्ति होती है।
रमेश कोली निवासी कोली मौहल्ला तसई

ग्राम पंचायत द्वारा कई ट्यूबवैल व समरसबिल लगवाई गई है। लेकिन उनका पानी खारा है, इधर जलदाय विभाग को आर ओ शुरू कराने के लिए अनेकों बार अवगत कराया गया। लेकिन विभाग की उदासीनता बनी हुई है। और आमजन को पीने के पानी का इधर उधर से अथवा टैंकरों के माध्यम से पूर्ति करनी पड़ रही है।
मुकेश चौहान सरपंच तसई

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